विश्रामपुर (पलामू) : वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देश-प्रदेश लॉकडाउन के बाद ऑनलॉक की प्रक्रिया से गुजर रहा है। इस दौरान लोगों को आने - जाने की छूट दी गयी।
लेकिन बसों के परिचालन पर पाबंदी जारी रही। नियम व शर्तों के साथ टैक्सी-टेम्पो को यात्री कहीं लाने व लेजाने की छूट दी गयी। लेकिन टेम्पो-टैक्सी मालिकों-चालकों द्वारा सरकारी नियमों का खुलमखुला उलंघन किया जा रहा है। न तो चालक से यात्री तक कोई मास्क लगा रहा है और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। लोगों को भेड़-बकरियों की तरह छोटी गाड़ियों में ठूस कर ढोया जा रहा है।
इतना ही नहीं कोरोना महामारी के इस दौर में टेम्पो-टैक्सी के मालिक व चालक मानवता दिखाने के बजाय यात्रियों की जेब काटने में लगे हैं।
किसी भी रूट में जाने के लिये किराया को तीन से चार गुना ज्यादा बढ़ा कर वसूला जा रहा है। बसों के परिचालन पर पाबंदी के चलते यात्री मजबूरन तीन से चार गुना ज्यादा किराया देने को विवश हैं। इस पूरे मामले में सबसे आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि सब कुछ देख कर भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
जगह का नाम - निर्धारित किराया -वसूला जा रहा किराया
(1) रेहला से पांडू 20 रुपये 60 रुपये
(2) बी मोड़ से पड़वा मोड़ 15 रुपये 50 रुपये
(3) रेहला से विश्रामपुर 10 रुपये 30 रुपये
(4) रेहला से उंटारी रोड 15 रुपये 60 रुपये
(5) रेहला से गढ़वा 15 रुपये 40 रुपये
(5) विश्रामपुर से गढ़वा 20 रुपये 60 रुपये
(6) विश्रामपुर से नावा 20 रुपये 60 रुपये
(7) विश्रामपुर से गौरा 10 रुपये 30 रुपये
(8) विश्रामपुर से तिसिबार 15 रुपये 60 रुपये
उक्त किराया विवरणी एक बानगी मात्र है.इस तरह के दर्जनों अन्य रूट में भी यात्रियों से किराया तीन से चार गुना वसूला जा रहा है।