गढ़वा : गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखंड के प्रमुख धर्मराज पासवान के कोरोना के पाजिटीव रिपोर्ट आने के सवाल पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रमुख में ठन गई है।
प्रमुख ने कहा है कि जब उन्होंने जांच के लिए सैंपल ही नहीं दिया तो उनका फर्जी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव बताना, स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही है। तात्पर्य यह कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कोरोना रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा कर दिया है, तथा इसे लापरवाही का मामला बताते हुए कार्रवाई की मांग किया है।
इधर सिविल सर्जन डॉक्टर एनके रजक ने इस मामले में कहा है कि प्रमुख झूठ बोल रहे हैं। उनका सैंपल नहीं लिया गया तो फिर रिपोर्ट रिम्स से कैसे आ जाएगा? उन्होंने कहा कि प्रमुख पर दो-दो प्राथमिकी दर्ज होगा।
पहला की रजिस्टर में नाम लिखा कर बगैर जांच कराए भागने का, वो बताएं की बिना जाँच कराएं कैसे वहां से भाग गए? एवं दूसरा कोरोना रिपोर्ट को फर्जी बताकर कोविड -19 अस्पताल में भर्ती नहीं होने का साजिश रच रहे हैं, जिससे उनसे करोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
जहां तक प्रमुख का प्रश्न है, उन्होंने कहा है कि 15 जुलाई 2020 को खरौंधी, भवनाथपुर एवं केतार के प्रखंड कर्मी एवं बैंक कर्मी को विभागीय आदेश पर कोरोना जांच कराने का सख्त निर्देश दिया गया था। उपयुक्त कर्मियों ने अपने - अपने सैंपल भवनाथपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर दिए थे। प्रखंड खरौंधी के कोरोना जांच रिपोर्ट में पांच व्यक्ति संक्रमित होने की की पुष्टि जिसमें अपना नाम भी शामिल देखने पर खरौंधी प्रखंड प्रमुख धर्मराज पासवान ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाकर कहा कि स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही है।
दिनांक 15 जुलाई 2020 को प्रखंड कर्मी एवं बैंक कर्मी को कोरोना जांच के लिए बुलाया गया था, परंतु मैं अपना नाम केवल इंट्री कराया था। इसके बाद भीड़ - भाड़ को देखते हुए, आवश्यक कार्य हेतु गढ़वा कोर्ट चला गया था। जिसके कारण मैं अपना सैंपल नहीं दे सका। चिकित्सा प्रभारी से बात की तो अगले दिन आने की बात कही गयी थी। फिर मैं शाम को अपने निवास स्थान चला गया। लेकिन 17 जुलाई 2020 को जांच रिपोर्ट आई है। जिसमें मेरा भी नाम आया है। मैं काफी सहमा हूं।