गढ़वा : गढ़वा जिले में कोरोना कहर बरपाने लगा है। कोरोना के कहर बरपाने के पीछे प्रशासनिक लापरवाही बड़ा कारण है, क्योंकि जिला मुख्यालय गढ़वा के नामधारी कॉलेज में प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाए जा रहे स्क्रीनिंग सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने तथा प्रवासी श्रमिकों के कोरेण्टाइन करने की बंदइंतजामी से ही जिले में कोरोना तेजी से फैल रहा है। इस सच्चाई से रूबरू होकर यदि अब भी सतर्कता नहीं बरती गयी तो आनेवाला समय में गढ़वा में कोरोना के तांडव मचाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि गढ़वा जिले में कोरोना मरीजों की संख्या पिछले 29 दिनों में एक से बढ़कर 47 हो चुका है, याद करें कोरोना का पहला मामला जिला मुख्यालय गढ़वा के नगर परिषद इलाके में पठानटोली से एक युवक से शुरू हुआ था।
इसके कुछ दिन बाद ही उक्त युवक के संपर्क में आए दो बच्चे कोरोना प्रभावित मिले इन तीनों कोरोना पीड़ितों को ठीक होने के चंद घंटे बाद ही अचानक गढ़वा जिले में कोरोना का एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिसमें एक ही साथ 20 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए ये सभी कोरोना पॉजिटिव प्रवासी श्रमिक थे, जो सूरत और महाराष्ट्र के इलाके से आकर श्री बंशीधर नगर के महदेइया के निर्माणधीन जेल में कोरेण्टाइन कराए गए थे, अब तक एक साथ गढ़वा जिले में पाए जाने वाले सर्वाधिक 20 की संख्या वाले इन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पाए जाने के बाद भी प्रशासन सतर्क हो गया होता, और एतिहात बरतते हुए प्रवासी श्रमिकों को कोरेण्टाइन कराने के प्रति सजग रहा होता तो गढ़वा को इसके बाद 4,1,1 तथा 18 का चार राउंड में जो 24 पॉजिटिव कोरोना विस्फोट से गुजरना पड़ा शायद इससे बचा जा सकता था।
क्योंकि इसके बाद जो प्रवासी श्रमिकों को आने का सिलसिला शुरू हुआ उसमें प्रशासन के नाक के निचे श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय गढ़वा के स्क्रीनिंग हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई। ऐसे में यदि जांच किया जाए तो संभव है, गढ़वा का नामधारी कॉलेज ही कहीं कोरोना केरियर साबित ना हो जाए। क्योंकि 20 मई को जो भी मरीज पाए गए हैं उसमें सूचना के अनुसार अधिकतर नामधारी कॉलेज के दो नंबर टेबल पर स्क्रीनिंग कराने के बाद कोरेण्टाइन किए गए थे। कम से कम सदर प्रखंड के कोरवाडिह में पाए गए सभी 15 कोरोना प्रभावित प्रवासी श्रमिकों के मामले में तो यह पक्के तौर पर कहा जा सकता है। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि नामधारी कॉलेज का स्क्रीनिंग सेंटर गढ़वा जिले का कोरोना कैरियर बनता जा रहा है।
साथ ही जिले में जो कोरेण्टाइन सेंटर चल रहा है, उसमें अव्यवस्था की खबरें भी लगातार सामने आ रही है। जैसे कोरेण्टाइन कराए गए प्रवासियों का रात में घर चला जाना, फ्री होकर घूमने की शिकायत लगातार मिल रही है। सरकारी रिकॉर्ड में इसके प्राथमिकी भी दर्ज हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त जिन लोगों को होम कोरेण्टाइन कराया गया उनका भी निगरानी नहीं किया गया।
तात्पर्य यह कि जहां-जहां भी एहतियात बरतना था प्रशासन ने एतिहात के नाम पर एसडीओ से बीडीओ होते छोटे कर्मचारियों के और पंचायत के मुखिया के नाम बगैर संसाधन उपलब्ध कराए कागज दौड़ाकर अपने कर्तव्य का इतिश्री मान बैठे। नतीजा सामने है कि ना तो स्क्रीनिंग का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मापदंडों के बीच चल रहा है और ना ही कोरेण्टाइन सेंटर। नतीजा सामने है गढ़वा में पिछले 29 दिनों के दौरान 47 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं।