गढ़वा: झारखंड में शायद ही कोई ऐसा गांव हो जहां 16 प्रवासी श्रमिक कोरोना पॉजिटिव 1 सप्ताह के दौरान पाए गए हों, बावजूद इस गांव को अभी तक कंटेंट जोन घोषित न कर प्रशासन द्वारा सिल तक नहीं किया जाना आश्चर्य का विषय है, जबकि कोरवाडीह पंचायत के तीन क्वॉरेंटाइन सेंटर में अभी भी 52 प्रवासी श्रमिक रखे गए हैं। कुल मिलाकर कोरवाडीह पंचायत में फैले कोरोना वायरस के प्रति स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन का रवैया इस महामारी के रोकथाम के प्रति गंभीर नहीं माना जा सकता क्योंकि कोरवाडीह गांव के लोग अभी भी सामान्य रूप से एक दूसरे के संपर्क में हैं। इस गांव में
ना तो दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं और नहीं पुलिस बल को लगाया गया है।
जिला मुख्यालय गढ़वा के नगर परिषद क्षेत्र के काफी करीब होने के बावजूद कोरोना की त्रासदी झेल रहे कोरवाडीह गांव के प्रति प्रशासन के उदासीन रवैया कहीं इस गांव के लिए मुसीबत खड़ी न कर दे।
चूंकि यह गांव गढ़वा जिले के जिला मुख्यालय गढ़वा के काफी करीब है, इसलिए प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।
हालांकि
मुखिया शरीफ अंसारी ने बताया कि गांव में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे 52 प्रवासी श्रमिकों को खाने पीने तथा रहने की समुचित व्यवस्था किया गया है। मगर उन्होंने भी स्वीकार किया कि गांव को अभी तक सील नहीं किया गया है। तथा कोई दंडाधिकारी व पुलिस बल कोरवाडीह गांव में तैनात नहीं किया गया है।