बंशीधर नगर : प्रखंड कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को सामाजिक अंकेक्षण के ज्यूरी टीम के द्वारा मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना का समवर्ती अंकेक्षण का प्रखण्ड स्तरीय जनसुनवाई किया गया। ज्यूरी सदस्यों में जिला परिषद सदस्य प्रियंका देवी, प्रखंड प्रमुख रविन्द्र कुमार पासवान, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) जय राम, बीआरपीएफसी अमित कुमार, जेएसएलपीएस बीपीएम अंजनी कुमार, एलडीआरपी रवीना खातून, बीआरपी आशीष चौबे शामिल थे।
प्रखण्ड स्तरीय जनसुनवाई में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत प्रखंड में किये गये आम बागवानी में बागवानी का घेराव करना, टीसीपी खुदवाना, पौधे का सूखना सहित विभिन्न बिंदुओं पर जनसुनवाई किया गया।
जनसुनवाई में दोनों पक्षों द्वारा अपना-अपना पक्ष रखा गया। पौधे के सूखने के संबंध में लाभुक, रोजगार सेवक तथा पंचायत सेवक द्वारा यह बताया गया कि जो पौधा उन्हें उपलब्ध कराया गया था, वह हमारे क्षेत्र के वातावरण के अनुसार ठीक नहीं था, जिसके कारण लगाए गए पौधे सुख गये।
एक लाभुक ने इस संबंध में बताया की यहाँ 10 इंच पर कटिंग किये हुए पौधे की आवश्यकता था। जबकि उपलब्ध कराया गया पौधा 5 इंच पर ही ज्वाइंट था, जिसके कारण पौधे का विकास समय अनुकूल नहीं हो पाया। योजना के घेराबंदी का कारण बताते हुए संबंधित पदाधिकारियों ने कहा की कहीं-कहीं पर लाभुक द्वारा घेराबंदी करने के लिए सीमेंट का पिलर तथा कटीले तार का प्रयोग किया जा रहा है, जो लगभग एक महीने में कर दिया जाएगा।
सीपीटी के संबंध में मनरेगा कर्मियों ने बताया कि लाभुक सीपीटी नहीं खुदवाना चाह रहे हैं क्योकि योजना उनके घर के निकट है तथा घेराबंदी किया हुआ है। अधिकतर पंचायतों में यह शिकायत रहा की बागवानी मित्र के द्वारा लाभुक समिति नहीं बनाया गया है और न बैठक किया गया है। आज तक लाभुकों को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण भी नही दिया गया। आम बागवानी में अन्य फसलों की खेती करने के संबंध में मनरेगा कर्मियों द्वारा बताया गया की अधिकतर आम बागवानी में बैगन, टमाटर, चना जैसे फसल लगे हुए हैं।
लाभुकों द्वारा यह सवाल भी उठाया गया की प्रखंड कर्मी मनरेगा कर्मी तथा एडिट टीम द्वारा बार-बार दबाव दिया जाता है की बागवानी की घेराबंदी किया जाए, लेकिन यह कोई ध्यान नहीं देता कि मटेरियल का भुगतान किए बिना बागवानी की घेराबंदी कैसे किया जायेगा।
लाभुक अपना पैसा लगाकर घेराबंदी करने में सक्षम नहीं है।
एक मामले में जन सुनवाई के दौरान लाभुकों द्वारा यह सवाल उठाया गया की प्रखंड परिसर से कार्यस्थल तक अपने खर्चे पर पौधे की ढुलाई किया गया है। इसके जवाब में जन सुनवाई के दौरान प्रखंड कर्मी या मनरेगा कर्मी के द्वारा कोई भी लिखित साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया।
अधिकतर लाभुकों द्वारा कहा गया कि ढुलाई संवेदक द्वारा किया जाना था या फिर लाभुक द्वारा। लाभुको ने ज्यूरी को बताया कि 12 दिसंबर 2020 से 12 फरवरी 2021 तक मनरेगा के तहत कोई भी भुगतान नही किया जा रहा है।
उपस्थित ज्यूरी के द्वारा संबंधित बागवानी में रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, लाभुको को निर्देश दिया गया कि जिन बागवानी में टीसीपी, बागवानी का घेराबंदी, सिंचाई का साधन नहीं है, वहाँ सिंचाई की सुविधा के लिए उपाय किया जाय।
बैठक में बीडीओ अमित कुमार,पंचायत राज पदाधिकारी बिरेन्द्र सिंह, पंचायत सेवक उपेंद्र राम, जगदीश राम, रोजगार सेवक रोहित शुक्ला, धर्मेंद्र कुमार, गुलाब पासवान, रीना कुमारी, किशोर कुमार सहित बड़ी संख्या में आम बागवानी के लाभुक उपस्थित थे।