गढ़वा : अद्भुत खगोलीय घटना खंड सूर्य ग्रहण लोगों के लिए कौतुहल का विषय बना रहा । इस दौरान सभी आयु वर्ग के लोग सूर्य ग्रहण की अनेक मायनों में चर्चा करते देखे गए । समाज के युवा वर्ग व बच्चों में यह घटना नई जानकारी को लेकर चर्चित रही। वहीं वृद्ध लोगों के लिए इसका धार्मिक पक्ष हावी रहा । लोग ग्रहण पूर्व , ग्रहण के दौरान व ग्रहण का मोक्ष होने पर स्नान दान में व्यस्त देखे गए । इधर 300 वर्षों में होने वाली इस तरह की विशिष्ट खगोलीय घटना पर कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी भारी पड़ी । इस खगोलीय घटना के बाद भी जलाशय व सरोवरों में भीड़ नहीं देखी गई। अन्य दिनों में ग्रहण लगने के बाद नदी जलाशय व सरोवरों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती थी ।
लेकिन इस बार वैश्विक महामारी का खतरा लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है । जिसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था । लोगों को लॉकडाउन के दौरान स्नान ध्यान में भी सोशल डिस्टेंसिंग का भरसक अनुपालन करते देखा गया । कहीं भी लोगों की भारी भीड़ नहीं देखी गई । अधिकांश लोगों को अपने घर के चापा नलों पर ही स्नान करते देखा गया । वयोवृद्ध लोगों की मान्यता है कि भगवान पर विपत्ति आती है तभी चांद व सूरज पर ग्रहण लगता है । क्योंकि चांद व सूरज स्वयं में पूजा की शक्तियां हैं । वे लोग ग्रहण को इसी नजरिए से देखते व भगवान की पूजा अर्चना करते हैं । इस बार ग्रहण लगने से पूर्व सुबह के समय अधिकांश लोगों ने अल्पाहार ले लिया था । जबकि दोपहर में घरों में भोजन नहीं बना ।
वही ग्रहण का मोक्ष हो जाने के बाद स्नान दान से निपटने के पश्चात लोगों ने भोजन बनाया गया । वही युवाओं को चार - पांच घंटे तक ग्रहण को लेकर कौतूहल से भरा देखा गया । अधिकांश युवा वर्ग टीवी व मोबाइल से चिपका रहा । वे लोग देश - विदेश के विभिन्न शहरों से सूर्य ग्रहण का लाइव टेलीकास्ट देखते नजर आए । इसके साथ ही वैज्ञानिक व ज्योतिषियों के द्वारा अपने अपने दृष्टिकोण से ग्रहण को लेकर जानकारी दी जाती रही । जिसे युवाओं ने देख सुनकर अपनी जिज्ञासा शांत की ।