गढ़वा : दीपावली के शुभ अवसर पर संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई की रंगोली संयोजिका के द्वारा श्री राम लला मंदिर परिसर में रंगोली बनाकर भगवान के श्री चरणों में समर्पित की गई।
संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई की रंगोली संयोजिका सुश्री अंजलि शाश्वत ने कहा कि भू-अलंकरण की रचना धरती माता का श्रृंगार है। दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों को स्वच्छ करते हैं। विभिन्न प्रकार के उपकरणों से उसे सजाते हैं। साथ ही साथ भू-अलंकरण का निर्माण कर एवं संध्या समय सभी लोग दीपमालिका से अपने-अपने घरों को सजा कर माता लक्ष्मी के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं। इसीलिए आज जिन की कृपा से हम सब का घर चलता है, यह सृष्टि पल्लवित और पुष्पित होती है, उनके दरबार में आकर हमने भू-अलंकरण का निर्माण किया है।
श्री रामलला से आज यह कामना करती हूँ कि यह संपूर्ण सृष्टि शाश्वत सुख और समृद्धि से परिपूर्ण रहे। साथ ही साथ कला-साधक और कला-प्रेमी अपनी रचनाओं और अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से समस्त जनमानस को सुंदर कृत्य करने के लिए निरंतर प्रेरित करने में सहायक सिद्ध हों।
इस अवसर पर संजीवनी स्वयंसेवी संस्था के सचिव नवनीत शुक्ला ने कहा कि संस्कार भारती स्थापना काल से ही कला के माध्यम से राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने में सतत गतिमान है। इसके आयोजनों में आकर हमें भी असीम ऊर्जा की प्राप्ति होती है और कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है।
संस्कार भारती झारखण्ड प्रांत के प्रांतीय मंत्री नीरज श्रीधर स्वर्गीय ने कहा कि श्री रामलला से हम कामना करते हैं कि वे हम सभी कला-साधकों व कला-प्रेमियों के साथ-साथ समस्त सृष्टि पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें और हम निरंतर सद्कार्यों में संलग्न रहने की असीम ऊर्जा उनसे प्राप्त करते रहें।
इस दीपावली के अवसर पर समस्त कला-साधकों एवं कला-प्रेमियों को अशेष शुभकामनाएँ।
संस्कार भारती गढ़वा जिला संयोजक प्रमुख शंभू कुमार तिवारी ने कहा कि प्ररकाश का उत्सव है दीपावली। प्रकाश ऊर्जा का प्रतीक होता है। हम सबके अंदर असीम ऊर्जा उत्पन्न हो यही ईश्वर से कामना है।
संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई के नाट्य संयोजक प्रेम दीवाना ने कहा कि प्रकाश के पर्व दीपावली के दिन सभी कलाकारों को ईश्वर से यही कामना करनी चाहिए कि उनकी कलाकारी से यह सृष्टि लाभान्वित हो।
इस अवसर पर उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोहरदगा विस्तारक संपूर्ण जी ने कहा यह प्रकाश का पर्व दीपावली हम सबके अंदर असीम ऊर्जा को प्रदान करने का कार्य करता है।
हमें शुद्ध चित्त से इस पर्व को मनाना चाहिए।
श्रीरामलला भगवान की सेवा करने वाली मातृ स्वरूपा मंदिर की पूजारन माता जी ने भी इस अवसर पर उपस्थित रहकर सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।