गढ़वा : ध्वनि प्रदूषण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्गत न्यायादेश के अनुपालन के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने पुन: दोहराया कि गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र में किसी भी प्रकार के आयोजन में डीजे का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। प्रतिबंध की अवहेलना की स्थिति का अनुश्रवण और कार्रवाई संबंधित अंचल अधिकारी तथा थाना प्रभारी संयुक्त रूप से करेंगे। इस संबंध में एसडीओ ने अपने सभी अंचलाधिकारियों तथा थाना प्रभारियों को लिखित में निर्देश जारी किया है।
डीजे संचालकों पर करें कार्रवाई:
संजय कुमार ने अपने उपरोक्त अधीनस्थों को निर्देश दिया कि डीजे का प्रयोग करने वाले आयोजकों के साथ-साथ उन डीजे संचालकों पर भी कड़ी कार्रवाई करें जो प्रतिबंध की जानकारी होने के बावजूद भी अपना डीजे सेट किराए पर देते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सीओ तथा थाना प्रभारी अपने अपने क्षेत्र के सभी डीजे संचालकों के साथ एक बैठक कर उन्हें भली भांति प्रतिबंध के बारे में समझा दें। उल्लंघन की प्रवृत्ति वाले डीजे व्यवसायियों पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधात्मक कार्रवाई करने हेतु अनुशंसा करें। इसके बावजूद भी यदि कोई डीजे व्यवसायी अपना डीजे किराए पर देता है तो उसके विरुद्ध सम्यक धाराओं में मामला दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई करें।
डीजे संचालकों की मांगी सूची:
अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी थाना प्रभारियों से उनके थाना अंतर्गत कार्यरत डीजे संचालकों की सूची और विवरणी मांगी है ताकि जरूरत पड़ने पर अनुमंडल दंडाधिकारी स्तर से भी उन पर कार्रवाई की जा सके।
शहरी क्षेत्र में डीजे व्यवसाय हेतु निर्गत ट्रेड लाइसेंस करें निरस्त:
संजय कुमार ने बताया कि सदर अनुमंडल अंतर्गत दोनों नगर निकायों के पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है कि यदि उनके अधीन क्षेत्र में डीजे सेवा प्रदाता के रूप में किसी को ट्रेड लाइसेंस जारी हुआ हो तो उसे माननीय उच्च न्यायालय के प्रासंगिक न्यायादेश के आलोक में प्रतिबंधित व्यवसाय मानते हुए उनका ट्रेड लाइसेंस अविलंब निरस्त कर देना चाहिए।