गढ़वा : झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमिटी गढ़वा ने जिला अध्यक्ष तनवीर आलम की अध्यक्षता में किसान विरोधी बिल के खिलाफ एक दिवसीय धरना समाहरणालय के समक्ष दिया।कार्यक्रम का संचालन जिला प्रवक्ता धीरज दुबे ने किया।
जिला अध्यक्ष तनवीर आलम ने कहा कि केन्द्र सरकार सिर्फ पूंजीपतियों की हितैषी है पहले उन्होंने नौजवानों का रोजगार छिना अब किसानों को हाशिए पर डालने की तैयारी हैं। पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का केंद्र सरकार को इतनी जल्दीबाजी है कि उन्होंने राज्यसभा में वोटिंग भी नहीं कराईं। ना किसी राज्य मुख्यमंत्री के साथ रायशुमारी किया। इनकी पूर्व की नीतियों का दुष्परिणाम भी जनता देख चुकी है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है यह जगजाहिर है।
करोना काल में जब सभी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था माइनस में चली गई है फिर भी कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा था। अब इस देश के मूलभूत ढांचे को भी बर्बाद करने की तैयारी है। जिस देश के 80% लोग खेती-किसानी पर निर्भर है वहां इस तरह के कानून लाकर पूरे देश को बर्बाद करने की साजिश है।
केंद्रीय समिति सदस्य परेश तिवारी ने बिल की भर्त्सना करते हुए कानूनी खामियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यापारियों के साथ विवाद होने पर किसान को न्यायालय में जाने की आजादी नहीं है। तथा उच्चतम जुर्माने के रूप में सिर्फ 5 लाख रूपये राशि का प्रावधान किया है जो न्यायसंगत नहीं है।
जिला सचिव मनोज ठाकुर ने कहा कि सरकार ने बिल से न्युनतम समर्थन मूल्य को हटाकर अपनी मानसिकता जाहिर कर दी है।
यह लोग देश को आर्थिक गुलामी की ओर ले जा रहे हैं। पूंजी पतियों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की यह सोची समझी साजिश है। कृषि कार्य करने वाले किसानों से पूंजीपति फसल का इकरारनामा कराएंगे और और अकाल, सुखाड़, बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति में फसल क्षति की क्षता होने पर उनकी जमीन हड़प ली जाएगी। वरिष्ठ नेता अशरफी राम ने बिल की गहराई में जाकर सभी खामियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भंडारण सीमा समाप्त कर देने से बड़े व्यापारियों के द्वारा खाद्य सामग्री को सालों के लिए भंडारण कर बाजारों से उपलब्धता कम कर दी जाएगी परिणामस्वरूप अचानक राशन के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो जाएगी। बारी-बारी से सभी प्रखंड अध्यक्षों ने किसान विरोधी नीतियों पर अपना पक्ष रखा।
वक्ता के रूप में केंद्रीय समिति सदस्य निर्मल पासवान, सूर्यदेव मेहता, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष अंजली गुप्ता, सचिव चंदा देवी, अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम, फुजैल अहमद, नीरज तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, अरविंद पटवा, नीलू खान, सचितानंद त्रिपाठी, मुन्ना ठाकुर, शंभू सिंह खरवार, सोनू गुप्ता, चंदन ठाकुर, अमर राम, लल्लन सोनी, धीरेंद्र यादव, गोपाल यादव, मुखराम भारती, राजदेव चौधरी, इरफान अंसारी, कार्तिक पांडे, कबूतरी देवी, पूनम देवी, आलम आरा, अनवर हुसैन अंसारी, मुमताज रंगसाज आदि उपस्थित थे।