भवनाथपुर (गढ़वा) : सेल के विस्थापितों की समस्या को लेकर शनिवार को हुई सीओ से चल रही चार घण्टे की त्रिपक्षीय वार्ता फेल हो गया। विस्थापित अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे, तो सेल ने अपनी मजबूरियों का हवाला देकर कन्नी काट ली।
बताते चलें कि सेल के बन्द भवनाथपुर लाइमस्टोन खदान की घेरा बन्दी कर रहे संवेदक का कार्य बंद कराते हुए सेल के कार्य कर रहे पेटी कॉन्ट्रेक्ट नीलू सिंह को गुरुवार को बंधक बना लिया गया था। मौके की नजाकत को देखते हुए सीओ संदीप अनुराग टोपनो थाना के पुलिस इंस्पेक्टर रामजी महतो, थाना प्रभारी सीबी सिंह व सीआईएसएफ के ऐसी एसके सिंह के पहल पर स्विस्थापित से मुक्त कराते हुए त्रिपक्षीय वार्ता शनिवार को सेल के प्रशासनिक भवन में रखा गया था।
जहां सेल के जीएम एसके सिंह, खान प्रबन्धक बी पानी ग्रही, पर्सनल अधिकारी बी दिगल, सीओ संदीप अनुराग टोपनो, विस्थपित नेता सुशील चौबे, रामविजय साव, भानु गुप्ता, वीरेंद्र साव, भरत साव के बीच चार घण्टे सुबह, 11.30 से शाम 4.00 बजे तक चली। परन्तु सहमति नहीं बनने के कारण वार्ता फेल हो गई। जबकि विस्थापित अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे। अब देखना होगा कि सेल व विस्थापितों की टकराव कहाँ तक जाती है।
क्या है मांगे विस्थापितों की मांग?
सेल में भूअर्जन विभाग के द्वारा दिये 368 लोगों को नौकरी दिया जाय या विस्थापितों के जमीन को न्यायालय के निर्देश के अनुसार वापस किया जाए। वर्तमान में चल रहे घेराव कार्य को जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है बन्द रखा जाए सहित अन्य मांग शामिल है।
जबकि सेल ने अपना पक्ष रखते हुए वार्ता में कहा कि उक्त जमीन भूअर्जन विभाग के द्वारा अधिगृहित किया गया है, जिसे हम सरकार को वापस कर रहे हैं। जिसमें हम विस्थापित को वापस नहीं कर सकते। सेल को जो 368 विस्थापितों की सूची प्राप्त हुई है, वर्ष 2012 में उसको लेकर विस्थापित न्यायालय में मामला दायर कर चुके हैं। खादान की घेराबंदी आईबीएम के निर्देश व नक्शा पर कार्य वैध रूप से किया जा रहा है जिसे विस्थापितों द्वारा रोकना नियम के विरुद्ध है। सेल द्वारा मौखिक तौर पर विस्थापितों को खेती बाड़ी पर किसी प्रकार की रोक नहीं रखा है।