गढ़वा : वर्षों से एक ही कार्यालय में जमे कर्मी हटाए जाएं, तभी भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मो. आशिक अंसारी ने कहा है कि गढ़वा जिले के प्रखंड और अंचल कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार की जड़ वर्षों से एक ही जगह जमे कर्मचारी हैं। ऐसे कर्मचारी जनता के छोटे-छोटे कार्य भी बिना रिश्वत के नहीं करते। उन्होंने कहा कि "अब जबकि जिले में नए उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक जैसे योग्य अधिकारी पदस्थापित हुए हैं, तो जनता को प्रशासनिक सुधार की उम्मीद है।"
श्री अंसारी अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार की कार्यशैली में स्पष्ट अंतर है।
"गढ़वा की जनता ने अपमान का बदला ले लिया है," — श्री अंसारी ने यह कहते हुए इशारा किया कि मिथिलेश ठाकुर की चुनावी हार जनता के निर्णय का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं के 'दरबार' में बैठने की बाध्यता ने प्रशासन की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया था, लेकिन अब परिस्थिति बदल रही है। अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि वर्षों से एक ही कार्यालय में जमे कर्मियों का स्थानांतरण नहीं किया गया, तो किसी भी तरह के प्रशासनिक सुधार की उम्मीद व्यर्थ होगी।
प्रेसवार्ता में मौजूद ओलमा काउंसिल के जिला सचिव मौलाना संजर ने कहा कि जनता किसी भी नेता के अहंकार को बर्दाश्त नहीं करती, और यही कारण रहा कि मिथिलेश ठाकुर को जनता ने नकार दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिले के मुसलमानों को अपमानित किया गया है और उनके साथ छल किया गया है। आने वाले विधानसभा चुनाव में इस विषय पर गहराई से विचार कर मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाएगा ताकि मुसलमानों की आवाज सदन में पहुंचे।
इस अवसर पर मोरजीद अंसारी, अलाउदीन अंसारी सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।