गढ़वा : झामुमो नेता ने दीर्घकालिक विकास को लेकर साझा रोडमैप की वकालत की
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मीडिया पैनलिस्ट एवं केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने जिले के सांसद से अपील करते हुए कहा है कि अब समय आ गया है जब गढ़वा के दीर्घकालिक और ठोस विकास के लिए अति महत्वाकांक्षी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता अब छोटे-बड़े उद्घाटनों और दिखावटी विकास से आगे बढ़कर बुनियादी परिवर्तन चाहती है।
धीरज दुबे ने पढुआ-श्रीनगर सोन पुल के निर्माण कार्य को प्राथमिकता देने की मांग की, जो लंबे समय से अधर में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पुल न केवल आवागमन को सुलभ बनाएगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा।
उन्होंने सोन और कोयल नदी के किनारे बसे सीमावर्ती गांवों में हर साल आने वाली बाढ़ और जमीन कटाव की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि इन नदियों पर तटबंध निर्माण की जरूरत है और इसके लिए सांसद को पहल करनी चाहिए।
श्री दुबे ने कहा कि पलामू सांसद का यह तीसरा कार्यकाल है और इस दौरान गढ़वा-पलामू जैसे जिलों की प्रमुख समस्या, नीलगाय से फसलों को होने वाला नुकसान, अब गंभीर रूप ले चुका है। उन्होंने केंद्र सरकार से वन अधिनियमों में संशोधन कर किसानों को राहत देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद आज भी राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और व्यवस्थित योजनाओं के अभाव के कारण पिछड़ा हुआ है।
धीरज दुबे ने जोर देकर कहा कि सांसद का काम केवल शिलान्यास और उद्घाटन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें नीति निर्माण प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि सांसद हर संसद सत्र में गढ़वा की समस्याएं जोरशोर से उठाएं।
झामुमो नेता ने युवाओं के लिए रोजगार सृजन को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि गढ़वा जैसे सीमावर्ती जिले में आईटी पार्क, स्किल डेवलपमेंट सेंटर और लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है।
अंत में उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गढ़वा के दीर्घकालिक विकास के लिए एक साझा रोडमैप तैयार करें, जिससे आने वाली पीढ़ियों को एक विकसित और समृद्ध गढ़वा मिल सके।