गढ़वा : "दानरो महोत्सव" की शुरुआत, हर गांव में गठित होंगे "दानरो क्लब"
गढ़वा, दिनांक — गढ़वा सदर अनुमंडल क्षेत्र में बुधवार को आयोजित "कॉफी विद एसडीएम" कार्यक्रम में दानरो नदी के तटीय 28 गांवों में से 20 गांवों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एसडीएम संजय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दानरो नदी के संरक्षण को लेकर सामाजिक पहल और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
बैठक में 20 गांवों से आए 40 प्रतिनिधियों में जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, मुखिया, बीडीसी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरण प्रेमी शामिल थे। इस अवसर पर "दानरो महोत्सव" की रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसे सभी प्रतिभागियों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति दी।
"दानरो क्लब" का गठन: नदी संरक्षण की स्थानीय ज़िम्मेदारी
बैठक में निर्णय लिया गया कि दानरो नदी के किनारे बसे सभी 28 गांवों में "दानरो क्लब" गठित किए जाएंगे। प्रत्येक क्लब में न्यूनतम 20 सदस्य होंगे, जो वृक्षारोपण, नदी की सफाई, अतिक्रमण हटाने, अवैध उत्खनन रोकने तथा नदी संरक्षण से संबंधित गतिविधियों का संचालन करेंगे।
नदी संरक्षण पर साझा संकल्प एवं सुझाव
प्रतिभागियों ने नदी संरक्षण की दिशा में इस पहल का स्वागत करते हुए अनेक रचनात्मक सुझाव दिए।
कल्याणपुर के मुखिया अशोक चंद्रवंशी ने खुले में शौच के विरुद्ध अभियान चलाने और जल स्वच्छता समिति की भूमिका को रेखांकित किया।
टंडवा की पूर्व पार्षद सविता देवी ने दानरो को अपनी "गंगा" बताते हुए भावनात्मक जुड़ाव व्यक्त किया।
जाटा की मालती देवी ने 20 लोगों को अभियान से जोड़ने का संकल्प लिया।
छतरपुर की मुखिया संगीता देवी ने स्थानीय समिति बनाकर कार्य करने की बात कही।
डंडई के मिथिलेश कुमार ने अतिक्रमण हटाने पर जोर दिया।
भरटिया के संजय चौधरी ने बगीचे और सौंदर्यीकरण का सुझाव दिया।
मधेया के लालमोहन राम ने इस अभियान को लंबे समय से प्रतीक्षित पहल बताया।
झलुवा के उस्मान अंसारी ने घटते जलस्तर पर चिंता जताई।
सहीजना के पूर्व पार्षद जितेंद्र सिंहा ने सभी धर्म और जातियों से जुड़ने की अपील की।
करकोमा के मुखिया वीरेंद्र तिवारी ने ग्राम सभा द्वारा नियम बनाने और दंड का सुझाव दिया।
गेरुआ के अनिल चौधरी ने इसे सामाजिक बैठक बताते हुए इसके सकारात्मक सामाजिक प्रभाव पर बल दिया।
कोरवाडीह के शरीफ अंसारी ने मनरेगा योजनाओं के ज़रिए नदी तट सुधार की बात कही।
प्रशासनिक समर्थन और विस्तार
गढ़वा अंचलाधिकारी सफी आलम ने सभी गांवों के नदी सीमांकन की बात कही जिससे स्थानीय लोग संरक्षण की जिम्मेदारी ले सकें।
डंडई के अंचलाधिकारी सह बीडीओ देवलाल करमाली ने इस पहल को ऐतिहासिक बताया और नागरिकों से जुड़ने की अपील की।
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख गांव :
देवगाना, गेरुआ, तिसरटेटुका, कोरवाडीह, टंडवा, जाटा, नवाडीह, छतरपुर, कल्याणपुर, डंडई, सहिजना, झलुवा, मधेया, भरटिया, हूर, फरटिया, करकोमा, खुटैलिया, करमडीह आदि गांवों के लोगों ने भाग लिया।
यह पहल नदी संरक्षण को सामाजिक आंदोलन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्रशासन और जनता की साझेदारी से सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है।