गढ़वा : जल जीवन मिशन की लापरवाही से ग्रामीण अब भी हैंडपंप और कुओं पर निर्भर
श्रीबंशीधर नगर प्रखंड के उँटारी पंचायत अंतर्गत बिलासपुर गांव में जल जीवन मिशन के तहत शुरू की गई सौर ऊर्जा आधारित ग्रामीण जल आपूर्ति योजना आज ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन गई है। वर्ष 2021-22 में इस योजना के अंतर्गत 4000 लीटर क्षमता वाली जल मीनार का निर्माण शुरू कराया गया था, लेकिन दो वर्षों से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद योजना अधूरी पड़ी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आज तक मीनार का निर्माण पूरा नहीं हुआ है और न ही पानी की आपूर्ति शुरू की गई है। भीषण गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए पुराने हैंडपंप और कुओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि योजना के निर्माण में भारी लापरवाही बरती गई है। सिर्फ टंकी का ढांचा खड़ा कर छोड़ दिया गया है, न पाइपलाइन बिछाई गई है और न ही सोलर पैनल लगाए गए हैं। लाखों रुपये की सरकारी राशि खर्च कर दी गई है, लेकिन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया है।
जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। न तो किसी अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है और न ही योजना को दोबारा चालू करने की कोई पहल हुई है। इससे सरकार की योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
ग्रामीणों ने राज्य सरकार से मांग की है कि अधूरी योजना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए और कार्य को शीघ्र पूरा कर गांव में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।
यह मामला सरकारी धन के दुरुपयोग और आम जनता की उपेक्षा का स्पष्ट उदाहरण बन चुका है, जिससे जनता में गहरा असंतोष व्याप्त है।