गढ़वा : भाजपा की तिरंगा यात्रा से विधायक-सांसद नदारद - धीरज दुबे का हमला
गढ़वा: देशभर में भाजपा द्वारा संचालित “तिरंगा यात्रा” के तहत जहां कार्यकर्ता जोश-ओ-खरोश से सड़कों पर उतरे, वहीं गढ़वा जिला में भाजपा के कई शीर्ष नेता इस आयोजन से दूर नजर आए। गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी और पलामू सांसद बीडी राम सहित भवनाथपुर-विश्रामपुर के पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही और रामचंद्र चंद्रवंशी जैसे प्रमुख नेता तिरंगा यात्रा में शामिल नहीं हुए। इस गैरहाज़िरी पर विपक्ष खासा हमलावर हो गया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने इन जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा के सांसद-विधायक केवल राष्ट्रवाद का दिखावा करते हैं।
कार्यकर्ताओं का अपमान, तिरंगे की अवहेलना?
धीरज दुबे ने भाजपा नेताओं पर तिरंगे और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि “भाजपा के कुछ नेताओं के लिए तिरंगा सिर्फ एक दिखावा बनकर रह गया है। राजस्थान में एक भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य का तिरंगे से नाक पोंछना इसका उदाहरण है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा जिन दलबदलू नेताओं को टिकट देती है, वे चुनाव जीतने के बाद जनता से कट जाते हैं और सिर्फ़ अपने स्वार्थों की पूर्ति में लग जाते हैं। “ये नेता जनता के बीच जाने की बजाय सोशल मीडिया और कैमरे के सामने राष्ट्रवाद का प्रदर्शन करते हैं,” उन्होंने आरोप लगाया।
दल-बदलुओं को टिकट, संघर्षशील कार्यकर्ता हाशिए पर
धीरज दुबे ने भाजपा की टिकट वितरण नीति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “संघर्ष करने वाला कार्यकर्ता दरकिनार कर दिया जाता है और टिकट मिलता है उन नेताओं को जो पहले जेवीएम, एनएसएम या आरजेडी में रह चुके हैं। पार्टी में अब टिकट संघर्ष से नहीं, पैसे और प्रभाव से मिलता है।”
जनता में नाराज़गी, कार्यकर्ताओं का टूटता मनोबल
गढ़वा जिले के कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी नाम न छापने की शर्त पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की। एक युवा कार्यकर्ता ने कहा, “जब हमारे सांसद और विधायक ही नहीं आएंगे, तो आम कार्यकर्ता का उत्साह कैसे बना रहेगा? तिरंगा यात्रा सिर्फ फोटो और सोशल मीडिया के लिए नहीं होनी चाहिए।
विपक्ष का कहना है कि भाजपा को यदि अपने भीतर झांकना है तो पहले अपने नेताओं की जिम्मेदारी तय करनी होगी। वहीं, भाजपा की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।