गढ़वा : गढ़वा स्थित सीआरपीएफ की 172वीं बटालियन मुख्यालय में आज शौर्य दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बटालियन के कमांडेंट नृपेन्द्र कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों एवं जवानों को शौर्य दिवस की महान वीरगाथा से अवगत कराया।
कमांडेंट सिंह ने बताया कि 09 अप्रैल 1965 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय वाहिनी की एक छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी इन्फेंट्री ब्रिगेड द्वारा सरदार पोस्ट, रन ऑफ कच्छ (गुजरात) पर किए गए आक्रमण को पूरी तरह विफल कर दिया था। इस ऐतिहासिक संघर्ष में पाकिस्तानी सेना के 34 जवान मारे गए एवं 4 को जीवित पकड़ लिया गया, जबकि सीआरपीएफ के 7 वीर जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के इस अद्वितीय साहस और बलिदान की गाथा इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है और यह आने वाली पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी। सीआरपीएफ के इतिहास में ऐसी कई वीरगाथाएं गौरव के साथ अंकित हैं।
इस अवसर पर गढ़वा जिले के शहीद सिपाही (जीडी) आशीष कुमार तिवारी, जिन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया, के पिता अरविंद तिवारी को समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उप कमांडेंट यू. आर. रामेश्वरम एवं सहायक कमांडेंट नीरज कुमार को सेवा काल में वीरता के लिए "पुलिस मेडल (वीरता)" से सम्मानित किया गया।
समारोह में 172वीं बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी कुलदीप कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. आस्था कोहली, डॉ. शेंकी चंडोंक, सूबेदार मेजर रणवीर सिंह, निरीक्षक राजकुमार, सिद्धनाथ सिंह, अमरजीत पांडेय, प्रदीप कुमार सहित बटालियन के अन्य अधिकारी एवं जवान उपस्थित थे।