गढ़वा :
हेमंत सरकार के फैसले को बताया युवा और जनविरोधी, कहा- "रोजगार छीन रही है सरकार"
झारखंड सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए कैबिनेट फैसले में टीजीटी और पीजीटी के 8900 पदों को खत्म किए जाने को लेकर भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने इस फैसले को न केवल युवा विरोधी, बल्कि जनविरोधी भी करार दिया है।
रितेश चौबे ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिस तरह से हजारों शिक्षकों की बहाली की संभावनाओं को एक झटके में समाप्त कर दिया गया, उससे राज्य के शिक्षित और प्रशिक्षित युवा बेहद आक्रोशित हैं।
उन्होंने कहा, "8900 पदों की बहाली होती तो न सिर्फ झारखंड की शिक्षा व्यवस्था मजबूत होती, बल्कि हजारों पढ़े-लिखे बेरोजगारों को रोजगार भी मिलता।"
चौबे ने यह भी आरोप लगाया कि "1373 माध्यमिक आचार्य बहाली के नाम पर सरकार केवल युवाओं को भ्रमित कर रही है। झामुमो सरकार की नीति पूरी तरह दिशाहीन हो चुकी है और वह विकास की बजाय विनाश की ओर बढ़ रही है।"
उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि झारखंड के विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। "सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और सरकार बहाली के बजाय पद ही खत्म कर रही है।"
रितेश चौबे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सरकार ने इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
इस बयान के साथ ही झारखंड की राजनीति में एक बार फिर रोजगार और शिक्षा व्यवस्था को लेकर बहस तेज हो गई है।