गढ़वा : झारोटेफ जिला इकाई गढ़वा के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) गढ़वा द्वारा जारी आदेश (पत्रांक 326, दिनांक 25/02/2025) का समर्थन किया, जिसमें विद्यालय अवधि के दौरान शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने इसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम और नई शिक्षा नीति के अनुरूप एक सराहनीय और नवाचारी कदम बताया।
सुशील कुमार ने कहा कि शिक्षकों का मूल कर्तव्य केवल शिक्षण कार्य करना है, लेकिन वर्तमान में उनसे ऑनलाइन ट्रेनिंग, UDISE Plus, AAPAR ID, बायोमेट्रिक अटेंडेंस आदि जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इन कार्यों को केवल क्लर्कों या ICT इंस्ट्रक्टर के जिम्मे सौंपा जाए ताकि शिक्षक केवल पठन-पाठन पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कक्षा कक्ष में 99% शिक्षक मोबाइल का उपयोग नहीं करते, लेकिन कभी-कभी खाली समय में इसका उपयोग किया जाता है। उन्होंने इसे एक जरूरी सुधार बताते हुए शिक्षकों से इस आदेश का पालन करने की अपील की।
हालांकि, सुशील कुमार ने विद्यालयों का निरीक्षण वीडियो कॉलिंग के माध्यम से करने के आदेश को पारदर्शी नहीं बताया। उन्होंने कहा कि भौतिक निरीक्षण अधिक प्रभावी होता है, जबकि वीडियो कॉलिंग के माध्यम से निरीक्षण में वास्तविकता को छिपाने की संभावना बनी रहती है।
उन्होंने आशंका जताई कि कई प्रभारी प्रधानाध्यापक डर के कारण विद्यालय की वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाएंगे और कमियों को छिपा सकते हैं।
अंत में, उन्होंने सभी शिक्षकों से छात्रहित और शिक्षकहित में मोबाइल प्रतिबंध के निर्णय का समर्थन करने और इसे सफलतापूर्वक लागू करने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, और इस आदेश का पालन उसी दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।