गढ़वा : भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झामुमो सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए बालू समस्या को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार की नीतियों के चलते जनता को घर बनाने के लिए बालू तक नहीं मिल पा रहा है। यह न केवल गढ़वा जिले बल्कि पूरे झारखंड के विकास और जनभावनाओं का अपमान है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और राज्य की अबुआ आवास योजना जैसी योजनाओं पर बालू संकट का बुरा असर पड़ रहा है, जिससे जनता परेशान हो चुकी है। बालू पर रोक लगाकर सरकार गरीबों के साथ अन्याय कर रही है।
सरकारी निर्माण कार्यों पर सवाल
चौबे ने सरकार से सवाल किया कि अगर राज्य में बालू पर रोक है, तो पुल, पुलिया और सरकारी भवन निर्माण कार्य कैसे हो रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में अवैध बालू का उपयोग हो रहा है।
उन्होंने कहा, "अगर बालू की अनुपलब्धता में सही निर्माण कार्य नहीं हो रहा है, तो इससे जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। सरकार को जवाब देना चाहिए कि जब आम जनता को बालू नहीं मिल रहा है, तो सरकारी निर्माण कार्यों में बालू कहां से आ रहा है?"
जनता के साथ दोहरी नीति का आरोप
भाजपा नेता ने झामुमो सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों के घर बनाने के लिए बालू उपलब्ध नहीं है, जबकि सरकारी निर्माण कार्य बिना बाधा के चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2013 से पहले झारखंड में बालू बिल्कुल मुफ्त मिलता था, लेकिन झामुमो सरकार के सत्ता में आने के बाद गरीब जनता बालू के लिए त्राहिमाम कर रही है।
सरकार से तत्काल मांग
उन्होंने मांग की कि झामुमो सरकार बालू पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाए और गरीब जनता को मुफ्त में बालू उपलब्ध कराए। चौबे ने घोषणा की कि इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल और झारखंड सरकार को त्राहिमाम पत्र भेजा जाएगा।
इस मौके पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें नवीन जायसवाल, ब्रजेश धर दुबे, संजय तिवारी, संजय जायसवाल, बंधु राम और अशोक विश्वकर्मा शामिल थे।