बालू संकट, वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार पर भाजपा का झामुमो सरकार पर निशाना
गढ़वा : भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि झामुमो के लोग भाजपा विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी को सुझाव देने के बजाय अपनी सरकार को चुनावी वादों की याद दिलाएं। उन्होंने कहा कि बालू संकट के कारण जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, प्रधानमंत्री आवास और अबुआ आवास योजना ठप पड़ी है। पुल-पुलिया और भवन निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है, जबकि झामुमो के नेता झूठे विकास का ढिंढोरा पीटने में लगे हुए हैं।
रितेश चौबे ने कहा कि झामुमो सरकार में मानकों के अनुरूप कोई काम नहीं हो रहा है। झामुमो के कुछ लोग गढ़वा में चुनाव हारने के डर से घबराहट में हैं, क्योंकि भाजपा विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी के नेतृत्व में गढ़वा को तानाशाही और भय के माहौल से आजादी मिली है।
उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार का चाल-चरित्र जनविरोधी है और उन्होंने जनता को सिर्फ धोखा देने का काम किया है।
मईया सम्मान योजना का जिक्र करते हुए चौबे ने कहा कि गढ़वा जिले सहित पूरे झारखंड की बहनों और बेटियों को सम्मान राशि के बदले धोखा मिला है। अब सरकार राशि वापस मांग रही है, जबकि जब राशि वापस लेनी थी तो दी ही क्यों गई थी? किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले किसानों से 3200 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद झामुमो सरकार मात्र 2400 रुपए में धान खरीद रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
बिजली माफी योजना पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
कई गरीब परिवार बिजली बिल जमा कर रहे हैं जबकि कई घरों का बिल माफ नहीं किया गया है। उन्होंने झामुमो नेताओं को सलाह दी कि वे अपनी मनमानी बंद करें और हेमंत सरकार को जनहित में काम करने का सुझाव दें।
रितेश चौबे ने मांग की कि झामुमो सरकार बालू फ्री नीति लागू करे, वादे के अनुसार 450 रुपए में हर घर को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए और सभी महिलाओं-बेटियों को प्रतिमाह 2500 रुपए भत्ता दे। उन्होंने कहा कि झारखंड में स्थानीय नीति लागू न होने के कारण स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। झामुमो सरकार सही काम करने के नाम पर मौनी बाबा बन जाती है।
मौके पर भाजपा नेता नवीन जायसवाल, संजय जायसवाल, अशोक कुमार सहित अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद थे।