मझिआंव : प्रखंड में मूर्ति विसर्जन के दिन यानि रविवार को सरकारी अंग्रेजी शराब दुकान खुली रही और निर्धारित प्रिंट रेट से अधिक लेने पर मोरबे शराब दुकान पर हंगामा भी हुआ। मिली जानकारी के अनुसार शराब के हर ब्रांड पर लिखी गयी कीमत में से 12 प्रतिशत शराब दुकान के मालिकों के लिए राशि बतौर मुनाफा निर्धारित है। इसके बावजूद भी शराब के हर बोतल, अद्धा और पौव्वा पर शराब दुकान पर बैठे सेल्स मैन ग्राहकों से लिखी गयी कीमत से करीब 8 से 10 हजार रूपये प्रति दुकान हर रोज वसूल रहे हैं। इस तरह ग्राहकों से हर माह लगभग 30 हजार रूपयों तक की अवैध वसूली हो रही है।
एक बोतल शराब पर होती है 10 रुपए से 60 रूपये की अवैध वसूली :
प्राप्त जानकारी के मुताबिक लाईसेंस धारी अंग्रेजी शराब दुकान वाले बोतल (750 एमएल) पर 40 से 60 रूपये की, अद्धा (375 एमएल) पर 20 से 35 रूपये की और पौव्वा (180 एमएल) पर 10 से 20 रूपये और बियर बोतल पर 30 रुपए और केन पर 20 रुपए की अवैध वसूली करते हैं।
यही स्थिति देशी शराब के ब्रांड में भी है। हांलाकि यह अलग और कम है।
अवैध वसूली में होती है रंगदारी से लेकर मारपीट तक :
शराब के बोतल पर लिखी हुई कीमत से अधिक वसूल करने में हर दिन किसी न किसी दुकान पर ग्राहक हंगामा करते हैं। गाली गलौज से लेकर मारपीट तक हो जाती है। शराब का ठेकेदार, सेल्समैन वगैरह अगर मजबूत पड़ा तो ठीक, वरना ग्राहकों से समझौता हो जाता है। हर दुकान के लोग आसपास के ’बड़े’ और ’रसूख वाले’ लोगों को चिन्हित कर लेते हैं जिन्हें अंकित मूल्य पर ही शराब दी जाती है और ये लोग खुद को धन्य भी समझते हैं। हांलाकि, इस स्थिति को लेकर मझिआंव से लेकर कांडी, बरडीहा तक में हर दिन हंगामा हो रहा है।
अवैध वसूली गयी राशि होती है ’सेटिंग’ में खर्च :
शराब के कारोबार से जुड़े सूत्रों ने ही बताया कि ग्राहकों से वसूल की गयी अतिरिक्त राशि संबद्ध विभाग और संबंध के अधिकारियों से लेकर अन्य पदाधिकारीयों को ’सेट’ करने के लिए खर्च की जाती है इसके बदले वे दुकानदार को हर संभव-असंभव छूट देते हैं।
जो पीता है, भुगतता भी है, बोलता कोई नहीं:
यह गजब का मसला है। हर दिन अपनी जेब कटवाने वाले उपभोक्ता भी इस मसले पर चुप रहते हैं और अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक भी। इसी स्थिति का जमकर फायदा शराब दुकान वाले उठा रहे हैं।
नियम यह है कि हर शराब दुकान के बाहर शराब के ब्रांड के साथ मूल्य प्रदर्शित करना आवश्यक है। लेकिन ऐसा कहीं नहीं है। लेकिन एक्साइज विभाग भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। अधिक रेट लेने के बाद ऐसी स्थिति में ग्राहक जाएं तो कहां जाएं। इधर मोरबे शराब दुकान पर गांव में मूर्ति विसर्जन से पहले काफी भीड़ लगा हुआ था और हंगामा हो रहा था।
उसके बाद इसकी सूचना पुलिस को भी मिलता है और विसर्जन में लगे डंडाधिकारी सीआई प्रभारी धनलाल उरांव, थाना एएसआई संजय कुमार दल बल के साथ शराब दुकान पर पहुंचे और लगे भीड़ को भगाया।
वहीं अधिक दाम लेने पर कुछ लोगों ने नाम उजागर नहीं करते हुए नाराजगी व्यक्त किया और कहा कि इस दुकान पर बराबर रेट से अधिक 10 रुपए से 30 रुपए लिया जाता है और लोगों ने कहा कि अगर बढ़े रेट में से 10 रुपए नहीं देने पर शराब या बियर नहीं दिया जाता है।
इस पर पूछे जाने पर मौजूद सेल्समैन के द्वारा कहा जाता है कि हम लोगों को ऊपर से ही अधिक दाम लेने का आदेश प्राप्त है।