भंडरिया : भंडरिया थाना क्षेत्र के मदगाड़ी (क) गांव में दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रविवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई। दोपहर करीब 3 बजे स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। जानकारी के अनुसार, विवादित मार्ग पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग कर अवरोध उत्पन्न किया गया था, लेकिन ग्रामीण उसी मार्ग से प्रतिमा विसर्जन की जिद पर अड़े थे। बैरिकेडिंग तोड़ने के प्रयास के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच धक्का-मुक्की हो गई और फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस पर उग्र ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
इस झड़प में एएसपी राहुल देव बड़ाईक गंभीर रूप से घायल हो गए, उनके सिर पर चोट आई है।
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग की, जिसमें कई ग्रामीण घायल हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस के कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और विधायक आलोक चौरसिया के प्रतिनिधि अमलेश चौरसिया के वाहन पर भी हमला किया गया।
घटना के बाद गढ़वा के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडे मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण दुर्गा पूजा पंडाल में जमा हैं और प्रशासन से विवादित मार्ग से प्रतिमा विसर्जन की अनुमति की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें बृजेश्वर साहू के घर के सामने से तालाब तक जाने की अनुमति नहीं दी जाती, वे प्रतिमा का विसर्जन नहीं करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
मदगाड़ी (क) गांव में दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन को लेकर पिछले कुछ वर्षों से रास्ते का विवाद चल रहा है। प्रशासन ने इस विवाद को सुलझाने के लिए तीन बार शांति समिति की बैठक भी कराई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। ग्रामीण जिस तालाब में प्रतिमा का विसर्जन करना चाहते हैं, वह बृजेश्वर साहू के घर से होकर जाने वाले मार्ग पर स्थित है, लेकिन इस मार्ग पर तीन मकान दूसरे समुदाय के लोगों के हैं, जो विसर्जन के लिए रास्ता देने से इनकार कर रहे हैं।
इस वर्ष शांति समिति की बैठक में एक समझौता हुआ था, लेकिन कुछ दिनों बाद एक पक्ष ने समझौता मानने से इनकार कर दिया, जिससे दुर्गा पूजा के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया।
जब शनिवार को प्रतिमा विसर्जन की बात आई, तो ग्रामीणों ने विवादित मार्ग से ही विसर्जन की मांग की, लेकिन प्रशासन ने इस मार्ग से अनुमति देने से इनकार कर दिया। इससे नाराज ग्रामीणों ने प्रतिमा का विसर्जन रोक दिया और बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण जुट गए।
रविवार दोपहर करीब 3:45 बजे जब अनुमंडल पदाधिकारी पूजा पंडाल पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फायरिंग के दौरान एक ग्रामीण घायल हो गया और दर्जनों अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिनकी पूरी जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हो सकी है।
स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के प्रयास में लगा है।