गढ़वा : पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह आजकल परिवर्तन यात्रा निकालकर भ्रष्टाचार की बातें कर रहे हैं। अनुकम्पा पर मिले विधायकी के समय वे एक ही कॉलेज में दो-दो कॉलेज के नाम सरकार से अनुदान राशि प्राप्त करते रहे। पकड़े जाने पर खुद को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो गए। झामुमो जिलाध्यक्ष तनवीर आलम ने शुक्रवार को होटल पद्मावती में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उक्त बातें कही।
झामुमो नेताओं ने कहा कि श्री सिंह पचपड़वा शमशान घाट की भूमि भी नहीं छोड़े। इस भूमि पर खटाल एवं अब अशोक लिलेन्ड का एजेंसी खोला गया। गांव की योजनाओं में एससी, एसटी, ओबीसी मुस्लिम वर्ग के लोगों को हिस्सेदार बनाकर आपस में लड़ाने का काम करते थे। विरोध करने वाले कार्यकर्त्ताओं को जेल भी भेज देते थे।
गिरिनाथ सिंह को जनता को बताना चाहिए कि वे किस डंडा एवं झंडा के नीचे हैं। वे लोकसभा के चुनाव में अपने रांची में बैठकर यहां भाजपा प्रत्यासी को हराने में लगे थे। इसलिए चुनाव तक यह गायब रहे। महागठबंधन के प्रत्यासी को जो भी वोट मिला वो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का देन था। झामुमो नेताओं ने कहा कि कोई ऐसा सगा नहीं, जिसको गिरिनाथ सिंह ने ठगा नहीं। ऐसे लोग विचार का नहीं स्वार्थ का राजनीतिक करते हैं। श्री सिंह 17 साल तक विधायक रहने के बावजूद कोई विकाश कार्य नहीं किए और आज जब चहुंमुखी विकास हो रहा है तो इनको जलन हो रही है।
मौके पर झामुमो जिला सचिव मनोज ठाकुर, डॉ मकबूल, असर्फी राम आदि लोग उपस्थित थे।