गढ़वा : पुलिस ने गढ़वा थाना क्षेत्र के करमडीह गांव स्थित फोरलेन बाईपास पर मंगलवार को हुई दुर्घटना के बाद उत्पन्न उपद्रव में शामिल 20 नामजद व 700 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिक की दर्ज करने के बाद पुलिस उपद्रव में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। मंगलवार की देर रात तक बाईपास के आसपास के करीब तीन चार गांव में पुलिस की गतिविधि देखी गई। इस दौरान उस रास्ते से आने जाने वाले लोगों से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ किया। साथ ही कई लोगों के साथ बल प्रयोग भी किया।
इतनी बड़ी घटना के लिए आखिर दोषी कौन है :
गढ़वा थाना क्षेत्र के करमडीह गांव के समीप मंगलवार को आटो व पिकअप की टक्कर में दो स्कूली बच्चों की मौत के बाद आक्रोशित लोगाें को संभालने में पुलिस के पसीने छुट गए।
ग्रामीणों की माने तो इस पूरे उपद्रव का सूत्रधार पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी था। उसी ने पूरे मामले को इतना उग्र बना दिया। शायद पुलिस के किसी पदाधिकारी को इस बात की भनक भी नहीं लगी। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त पुलिस सब इंस्पेक्टर ने मृतक बच्चे सत्यम कुमार के शव को घटनास्थल से जबरजस्ती उठाने का प्रयास किया। विरोध करने पर उसने मृतक बच्चे के माता-पिता के साथ मारपीट कर दी। उक्त इंस्पेक्टर के इस कार्रवाई के बाद ग्रामीण उग्र हो गए। इस घटना के बाद उक्त बस इंस्पेक्टर घटनास्थल से गायब हो गया। जबकि इसी घटना से आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया। ग्रामीणों की भीड़ इतनी उग्र हो गई कि पुलिस के कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी।
ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह पुलिस के आला अधिकारी उपद्रवी ग्रामीणों के विरुद्ध कार्रवाई कर रहे हैं वैसी ही कार्रवाई इस घटना को उग्र बनाने वाले सब इंस्पेक्टर के विरुद्ध भी होनी चाहिए। ग्रामीणों ने कहा कि पूरी घटना का वीडियो फुटेज कई लोगों के पास है। पुलिस को इसका अवलोकन करते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। चाहे वह पुलिस के पदाधिकारी हो या ग्रामीण हो।
घटना के बाद उक्त स्थल पर अंडरपास या ओवरब्रिज की मांग कर रहे थे ग्रामीण :
ग्रामीणों की मानें तो बच्चों की मौत के बाद लोगों के मन में गुस्सा था। जहां घटना घटित हुई है, वहां अंडरपास सड़क बनाने की मांग की जा रही थी। वहां कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। लेकिन मंगलवार की घटना से आक्रोशित लोग उक्त स्थान पर बार-बार हो रही सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए कुछ पुख्ता कदम उठाए जाने की मांग कर रहे थे।
इसे लेकर सत्यम कुमार के शव को वहां रोक कर रखा गया था। लेकिन शव उठाने पहुंचे एक एसआई ने मृतक सत्यम कुमार के पिता दिनेश राम को एक थप्पड़ मार दिया। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई।
जानकारी देते मृतक के परिजन, घटनास्थल पर ग्रामीणों के पथराव से क्षतिग्रस्त पुलिस का वाहन, लाठी चार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ती पुलिस
इधर इस घटना के बाद पुलिस ने किया कार्रवाई :
गढ़वा थाना क्षेत्र के करमडीह गांव के पास पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
गिरफ्तार लोगों में जुटी गांव निवासी अंतू विश्वकर्मा, दिलीप कुशवाहा, ढोटी निवासी शंकर रजक, जाटा गांव निवासी अखिलेश कुमार, तेनार गांव निवासी विशाल कुमार गुप्ता, टंडवा गांव निवासी राकेश कुमार, नारायणपुर गांव निवासी जितेंद्र कुमार राम का नाम शामिल है। बताते चलें कि उक्त मामले 20 नामजद सहित 700 अज्ञात लोगों पर गढ़वा थाने में प्राथमिक की दर्ज कराया गया है।
विदित हो कि गढ़वा थाना क्षेत्र के करमडीह फोरलेन के पास पिकअप और टैंपू टक्कर में आने से दो स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। वही टेंपो के चालक सहित कुछ बच्चे घायल हो गए थे। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने सड़क जाम कर पुलिस के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके अलावा पिकअप में आग लगा दिया था।
आक्रोशित ग्रामीण और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। उक्त मामले में गढ़वा प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा गढ़वा थाने में 20 नामजत सहित 700 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को छापेमारी कर सभी को गिरफ्तार को लेकर छापेमारी कर रही है।
नहीं पहुंचे पीड़ितों की सुध लेने कोई जन प्रतिनिधि :
ग्रामीणों में इस बात का भी आक्रोश है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि उनके बीच नहीं पहुंचे। पीड़ित परिवार को ढांढस बांधने के लिए भी अभी तक कोई नहीं आया है। पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा कि छोटी-छोटी घटना पर नेता व अधिकारियों का जमघट लग जाता है। यहां दो मासूम की मौत हो गई, ग्रामीण व पुलिस में इतनी बड़ी झड़प हो गई , लेकिन कोई भी यह जानने भी नहीं आया कि परिजन किस हालात में हैं।