भवनाथपुर : भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता विकास के लिए परिवर्तन चाहती है। पिछले ढाई दशकों से इस क्षेत्र की जनता के सपनों को दो जनप्रतिनिधियों ने बारी-बारी से कुचलने का काम किया है। समाजसेवी पंकज चौबे ने भवनाथपुर के होटल अनुराग में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि यदि आगामी चुनाव में जनता भारी बहुमत से उन्हें विजयी बनाती है, तो वे क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा और किसानों की तकदीर बदलने का कार्य करेंगे। पंकज चौबे ने कहा कि भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पलानी प्रमंडल तक मशहूर टाउनशिप सेल सिटी भी इन दोनों प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण वीरान हो गया है। हजारों लोगों की रोजी-रोटी चली गई, लेकिन इन जनप्रतिनिधियों ने एक बार भी पहल नहीं की।
सेल का तुलसीदामर डोलोमाइट माइंस बंद हो गया, जिससे मजदूरों की नौकरी चली गई। मजदूर अब विभिन्न प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर हैं। इन जनप्रतिनिधियों ने केवल अपनी तिजोरी भरने का काम किया है। यही वजह है कि क्षेत्र की जनता अब बदलाव चाहती है।
भवनाथपुर में हर सीजन में लोग अपने घर-परिवार को छोड़कर पड़ोसी राज्य बिहार, यूपी में मजदूरी करने जाते हैं। जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या को कभी विधानसभा में नहीं रखा। पिछले 25 वर्षों में भवनाथपुर की जनता केवल गली-नाली सड़क तक सीमित है। रोजगार, कृषि, और शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्र की स्थिति आज भी बदहाल है।
पंकज चौबे ने कहा कि वे क्षेत्र की जनता की मांग पर सेवा करने के लिए मैदान में उतरे हैं।
उनका लक्ष्य है कि भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से पलायन खत्म हो और लोगों को रोजगार मिले। क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, जिससे हर साल सूखा पड़ता है और किसान प्रभावित होते हैं।
श्री चौबे ने यह भी कहा कि यदि जनता ने भरोसा जताया तो वे पिछड़ा, अति पिछड़ा, एससी, एसटी को मुफ्त शिक्षा दिलाने के दिशा में काम करेंगे। महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये पेंशन दिलाने, उद्योग लगाकर 20000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने, बेरोजगारी भत्ता दिलाने, मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज खुलवाना उनकी प्राथमिकता होगी।
प्रेस वार्ता में मुकेश गुप्ता, चंदन दुबे, विनोद सिंह, बबलू सिंह, सचिता यादव, महफूज आलम, साकेत चौबे, सुशील चौबे, दूदून चौबे, और उपेंद्र चौबे सहित अन्य लोग उपस्थित थे।