रंका : भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी पहुंचे। परंपरानुसार भगवान की मौसीबाडी में जल और शरबत का भोग लगाया गया। फिर 108 दीप से महाआरती करने के बाद मोहनभोग अर्पित किया गया। कुछ विश्राम के बाद भगवान के तीनों विग्रह रुप को चांदी के सिंहासन पर आसन दिया गया। इसी सिंहासन पर आसीन ठाकुरजी आठ दिनों तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
इसके पहले शनिवार को पंद्रह दिनों के बाद पट खुलने से शुरू हुआ सोलह अक्षर का अंखड कीर्तन समाप्त होने के बाद ठाकुरजी को नगर भ्रमण कराया गया। कुमार गुलाब सिंह के नेतृत्व में नगर भ्रमण यात्रा के दौरान सैकड़ो जगह लोगों नें अपने घरों से निकल कर ठाकुर जी को नैवेद्य और मोहनभोग का भोग लगाकर साल भर सुख और सुरक्षित रहनें का आशीर्वाद मांगा।
नगर भ्रमण के दौरान ठाकुर जी अपने नगरवासियों से मौसीबाडी जाने के लिए विदा मांगने आते हैं। शंखनाद और घंटे की ध्वनि से पूरा रंका नगर भक्तिमय हो गया।
शुभ मुहूर्त में अरिपन के चौका पर चलकर पुजारियों नें भगवान के विग्रह को रथ पर बैठाकर शोभायात्रा के साथ फुलवाडी स्थित मौसीबाडी पहुंचे।