गढ़वा : गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में साल 2015 में विभिन्न योजनाओं में हुए घोटाले के मामले में उच्च न्यायालय ने दोषी पाए गए लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। इस मामले को त्रिस्तरीय कमेटी की जांच व लोकायुक्त के निर्देश के बावजूद नौ सालों तक मामले को दबाकर रखा गया था।जांच में स्पष्ट रूप से दोषी पाए जाने के बावजूद इस मामले के किसी भी उपर कोई कारवाई अभी तक नहीं हुई है।
इस मामले में तात्कालीन नगर परिषद उपाध्यक्ष अनिल पांडेय की ओर से उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया गया था। इस पर कारवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने डब्ल्यूपी पीआईएल नंबर 1270-2021 पर कारवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश उपायुक्त गढ़वा को दिया है।
अनिल पांडेय ने शुक्रवार को अपने आवास पर बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन ने नौ साल तक जानबुझकर मामले को दबाकर रखा और दोषियों को बचाया। जबकि उच्च न्यायालय के पूर्व लोकायुक्त ने भी उनके द्वारा दिए गए आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इधर उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में प्राथमिकी दर्ज करने की कारवाई शुरू कर दी गयी है। उपायुक्त ने इस संबंध में वर्तमान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ विचार-विमर्श किया है।