पूर्व विधायक की कंपनी कलावती कंस्ट्रक्शन अलकतरा घोटाले में दोषी साबित हुई - झामुमो
अलकतरा घोटाला के मास्टरमाइंड थे पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी - झामुमो
गढ़वा : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं ने होटल पद्मावती में एक प्रेसवार्ता आयोजित कर पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए। केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे ने कहा कि सत्येंद्रनाथ तिवारी अपने 10 साल के कार्यकाल में गढ़वा विधानसभा क्षेत्र और यहां की जनता के लिए नकारा साबित हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विकास कार्यों के बजाय, श्री तिवारी सत्ता सुख भोगने और जनता की गाढ़ी कमाई दोहन करने में मशगूल रहे। सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारना तो दूर, विधायक निधि की 50 करोड़ की राशि को भी चेक स्लिप के माध्यम से हड़पने का काम किया।
प्रवक्ता ने बताया कि सत्येंद्रनाथ तिवारी की कंपनी, कलावती कंस्ट्रक्शन, को हाल ही में अलकतरा घोटाले में दोषी पाया गया है। श्री तिवारी 1999 से 2015 तक कंपनी के निदेशक रहे थे, और 2009 में विधायक बनने के बाद भी वह कंपनी में लाभ के पद पर बने रहे। जब उनकी कंपनी पर अलकतरा घोटाला का आरोप लगा और श्री तिवारी को जेल जाना पड़ा, तो उन्होंने अपने रिश्तेदार को कंपनी का निर्देशक बनाकर सारा दोष उन पर मढ़ दिया।
2014 के विधानसभा चुनाव में घोटाले के आरोपों से बचने के लिए श्री तिवारी भाजपा में शामिल हो गए और दो वर्ष जेल काटने के बाद उन्होंने न्यायालय में हलफनामा देकर बताया कि उन्होंने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन डेढ़ दशक तक कंपनी के निदेशक पद पर रहने के बाद आरोप लगते ही इस्तीफा देने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
प्रेसवार्ता में यह भी बताया गया कि झामुमो चुनाव आयोग को पत्र लिखकर श्री तिवारी को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी। आरोप है कि श्री तिवारी के कार्यकाल में अवैध क्रशर प्लांट संचालित होते थे और बालू ट्रकों को उत्तर प्रदेश भेजा जाता था। हत्या, लूट और रंगदारी जैसी घटनाओं में भी श्री तिवारी का नाम जोड़ा गया।
प्रेसवार्ता में शिक्षा प्रतिनिधि अशर्फ़ी राम, गढ़वा प्रमुख फैजूल अंसारी, और नवादा मुखिया सुरेंद्र यादव भी मौजूद थे।