रंका : ज्येष्ठ पूर्णिमा के मौके पर स्थानीय ठाकुरबाड़ी में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और दाउ बलभद्र का महास्नान यात्रा पूरे विधि-विधान से संपन्न हुआ। महास्नान में भगवान के विग्रह रुप को हल्दी, उबटन, मधु, चंदन, आदि मिश्रित जल का मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया जाता है। महास्नान के जल को अपने घर में छिड़काव करने से सुख संपदा बनी रहती है। भगवान को छप्पन भोग लगाकर आरती के पश्चात गर्भगृह में पट बंद कर दिया गया। मान्यता के अनुसार आषाढ अमावस्या तक भगवान रुग्ण रहते हैं तथा अज्ञातवास में चले जाते हैं। इन दिनों गर्भगृह के बाहर ही दैनिक पूजा समर्पित की जाती है।
ठीक 15 दिनों के बाद भगवान का पट खुलता है और उन्हें नेत्रदान के पश्चात नगर भ्रमण कराया जाता है।
उसके बाद महाआरती के साथ काष्ठ के रथ पर सवार होकर भगवान बलभद्र, सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी जायेंगे। शनिवार को संपन्न स्नानयात्रा को रंकाराज परिवार के मुखिया कुमार गोवर्धन प्रसाद सिंह ने विधान और परंपरानुसार संपन्न किया।
मौके पर कुमार गुलाब सिंह, पुजारी बालेश्वर दूबे, आचार्य भोलानाथ शास्त्री, पारसनाथ पाण्डेय, राजकुमार प्रसाद, सनातन कुमार, रवीन्द्र कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।