बंशीधर नगर :
सत्संग उपासना केंद्र उर्जीतपा के प्रांगण में शनिवार की शाम श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी के अनुयायियों द्वारा सत्संग का आयोजन किया गया।
इसका शुभारंभ दीप प्रज्वलन, शंख ध्वनि व वंदे पुरुषोत्तम ध्वनि के साथ किया गया। तत्पश्चात सत्यानुसरण ग्रंथ, नारी नीति ग्रंथ, अनुश्रुति ग्रंथ व शाश्वती ग्रंथ का पाठ किया गया। चंचला गुप्ता, अनीता देवी, विजय दा के द्वारा सामूहिक भजन प्रस्तुत किया गया। ईष्ट चर्चा करते हुए ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने कहा कि जिस व्यक्ति के पास विश्वास, निर्भरता एवं आत्म त्याग है वही व्यक्ति वीर है। गहरे विश्वास से सब कुछ संभव है। अपने माता-पिता व गुरु के प्रति निःस्वार्थ भाव से बिना संकोच किए विश्वास करना चाहिए।
गुरु के बताए दिशा निर्देश अर्थात उनके द्वारा दी गई वाणियों एवं कर्म पर पूर्ण रूप से निर्भर करना चाहिए। जिस प्रकार एक छोटा बच्चा अपने मां पिता पर निर्भर करता है, ठीक उसी प्रकार प्रत्येक मानव को अपने गुरु के प्रति निर्भर करना चाहिए। दूसरे जीवों के कल्याण के लिए उनकी सेवा करना ही आत्म त्याग है। अपने परिवेश के लोगों के सुख-दुख में उपस्थित होना प्रत्येक मानव का कर्तव्य है। ऐसा करने से मनुष्य अहिंसा का पुजारी हो जाता है। इसलिए अहिंसा परमो धर्म: कहलाता है। सत्संग का विश्राम संध्याकालीन प्रार्थना व जय उद्घोष के साथ किया गया। मौके पर शक्तिदास सिन्हा, अजय दा, संजय दा, गोविंद दा, श्रीकांत, राजन, प्रीतम, वृंदा देवी, प्रमिला देवी, सुजानती, अनुष्का, तनुप्रीया, अंशिका सहित कई सत्संगी वृंद उपस्थित थे।