गढ़वा : गढ़वा पुलिस ने गढ़वा शहर के मेन रोड पर गढ़देवी मोड के निकट स्थित रूप अलंकार ज्वेलर्स लूट कांड का उद्भेदन करते हुए मुख्य आरोपी को लूट के आभूषण व हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
उक्त जानकारी देते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने बतलाया कि विगत 13 फरवरी को घटी लूट कांड का उद्भेदन के लिए उन्होंने एसआईटी का गठन किया था। 28 सदस्यीय एसआईटी ने लूट कांड के बाद लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार तथा दूसरे शहरों में छापामारी अभियान चला रही थी। मगर लुटेरे अपना लोकेशन लगातार बदल रहे थे, इसी दौरान पुलिस ने शहर के मथुरा बांध के पास स्थित एक कमरे में जब छापामारी की तो इस लूट कांड का मुख्य आरोपी गढ़वा शहर के सोनपुरवा निवासी प्रदीप डोम को गिरफ्तार कर लिया गया।
मगर उसका साथी पलामू जिले के चैनपुर निवासी बुकी सोनी तथा गढ़वा शहर के ही नगवां निवासी अजीत साह उर्फ छोटू पुलिस की भनक लगते ही फरार होने में कामयाब हो गया। पुलिस ने उक्त स्थान से दो देशी पिस्तौल तथा दो कट्टा, 16 कारतूस एवं लुटे गए आभूषण प्रदीप के निशानदेही पर अरहर के खेत से बरामद किया है ।
पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि दरअसल इस लूट कांड का मुख्य मास्टरमाइंड गिरफ्तार प्रदीप ही है। उसी ने इस पूरे लूट कांड को अंजाम देने की प्लानिंग की थी। उसकी योजना थी कि एक साथ बड़ा खजाना रूप अलंकार ज्वेलर्स से हासिल हो सकता है। लिहाजा इसी प्लान के तहत उसने पहले दो लोगों के साथ आकर खरीददार के रूप में दुकान में प्रवेश किया तथा बाद में उसका तीसरा साथी भी आ गया।
उन्होंने बताया कि उक्त तीनों ने मिलकर इस लूट कांड को अंजाम दिया, जिसमें 3 किलो 800 ग्राम सोना, हीरे तथा रोल्ड गोल्ड का ज्वेलरी उक्त लुटेरों ने लूट लिए थे, तथा फायरिंग भी किया था। उन्होंने कहा कि इस लूट कांड के उद्भेदन के लिए 28 सदस्यीय एसआईटी टीम के द्वारा इस लूट कांड का उद्भेदन किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शीघ्र ही फरार दोनों अन्य लुटेरे को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी की टीम में शामिल कर्मियों को को पुरस्कृत भी किया है। गढ़वा जिला स्वर्णकार संघ ने भी पुलिस को सफलता के लिए बधाई दी है।
विदित हो कि गढवा शहर के गढ़देवी मोड पर 13 फरवरी को घटी, अब तक की गढ़वा शहर के सबसे बड़े इस लूट कांड को लेकर पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी, शहर के व्यवसायियों में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे।
मगर जिस तत्परता के साथ पुलिस ने इस लूट कांड का एक सप्ताह के अंदर न केवल उद्भेदन किया है, बल्कि लूट की 5 किलो 800 ग्राम में से 3 किलो 500 ग्राम सामग्री भी कर लिया गया है। इससे पुलिस की साख बढ़ी तो है, मगर पुलिस के सामने दो फरार लुटेरों की गिरफ्तारी की अभी तक चुनौती बनी हुई है।
साथ ही अरहर के खेत में करोड रुपए का बैग में पड़ा आभूषण बरामदगी की पुलिस की उद्भेदन की कहानी पर भी लोग हैरानी जता रहे हैं, तथा सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या यह संभव है कि ऐसी बेशकीमती ज्वेलरी, जिसे लूटने के लिए लुटेरे जान की बाजी लगाए थे, उसे यूं ही अरहर के खेत में छुपा कर रखे होंगे, या वास्तविकता कुछ और है? शायद इसे भी पुलिस को और स्पष्ट करने की जरूरत है।