गढ़वा : डायबिटीज़ टाइप-1 और डायबिटीज़ टाइप-2 तब होती है जब शरीर ग्लूकोज़ को ठीक से स्टोर और उपयोग नहीं कर पाता है, जो ऊर्जा के लिए आवश्यक है। यह ग्लूकोज़ तब रक्त में इकट्ठा हो जाता है और उन कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता है जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है, जिससे गंभीर जटिलताएं होती हैं। ग्लूकोज़ वह ईंधन है जो आपके शरीर की कोशिकाओं को खिलाता है, लेकिन आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए इसे एक कुंजी की आवश्यकता होती है। वह कूंजी इंसुलिन है।
जो लोग डायबिटीज़ टाइप-1 से पीड़ित होते हैं, उनमें इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता। वहीं, जो लोग टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित होते हैं, इंसुलिन पर जितनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए नहीं दे पाते और आगे चलकर बीमारी में अक्सर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाते।
दोनों तरह की डायबिटीज़ में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा होता है।