बंशीधर नगर :<
-श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा जंगीपुर ग्राम स्थित सत्संग उपासना केंद्र उर्जितपा के प्रांगण में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया.सत्संग का शुभारंभ बन्देपुरुषोतम ध्वनि,शंख ध्वनि के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया.इसके बाद सामुहिक रूप से सत्यानु शरण ग्रंथ,नारी नीति ग्रंथ,शाश्वती ग्रंथ व अनुश्रुति ग्रंथ का पाठ किया गया.
चंचला गुप्ता,वृंदा देवी व दीप माला अम्बष्ट ने भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया. इष्टचर्चा करते हुये सत्संगी शक्तिदास सिन्हा ने कहा कि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है.अहंकार के कारण ही मनुष्य का उत्थान नही होता है.उन्होंने कहा कि यदि मनुष्य वर्तमान पुरुषोत्तम के शरण मे जाता है तो उसके अहंकार का नाश हो जाता है.तब वह मंगलप्रद हो जाता है.एकानूरक्ति से अमृतत्व की प्राप्ति सम्भव है.ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने कहा कि श्री श्री ठाकुर जी प्रकृत पुरुष हैं, इसलिये वे सभी जीवों से प्रेम करते थे.उनके अनुसार मनुष्य भी पेड़ पौधों व अन्य जीवों पर निर्भर करता है,इसलिये मनुष्य को भी सभी जीवों से प्रेम करना चाहिये.उन्होंने कहा कि मनुष्य को मनुष्य की विशेष सम्पति कहा गया है.उन्होंने आगामी 9 जनवरी को वनभोज दिवस मनाने को कहा.उन्होंने कहा कि यह दिवस सत्संग जगत के लिये विशेष महत्व रखता है.सत्संग में गोविन्द दा,प्रत्यूष कुमार,धृतिदीप्त, सृष्टि कुमारी,प्रमिला देवी,सौम्या कुमारी,मधु कुमारी सहित अन्य उपस्थित थे.