बंशीधर नगर :- वट सावित्री का पूजा शुक्रवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सुहागिन महिलाओं ने बरगद के पेड़ पर धागा बांधकर विधिवत पूजा अर्चना की। हालांकि इस बार लोक डाउन के कारण बरगद के पेड़ पर पूजा करने वाले महिलाओं की संख्या सामान्य रही। अधिकतर महिलाओं ने अपने घर में ही बरगद की डाली की पूजा कर पर्व मनाया। सुबह से ही पूजा का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। सुहागिनों ने पेड़ में धागा बांधकर अपने पति की दीर्घायु के साथ ही परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
शहर में मंदिरों समेत तमाम इलाकों में बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना हुई। सुबह होते ही महिलाएं अपने साथ पूजन सामग्री लेकर जिन स्थानों पर बरगद का पेड़ था, वहां पहुंच गई।
यहां महिलाओं ने बरगद के चारों ओर धागा बांधा और मन्नतें मांगी। महिलाओं ने पति और बच्चों की दीर्घायु की कामना की। इस दौरान सुहागिनों ने खरबूजा, आम, सुराही व शृंगार से जुड़े सामान चढ़ाएं।
▪️सोलह श्रृंगार कर महिलाएं पहुंची मंदिर दुल्हन की तरह:- सोलह श्रृंगार कर मंदिर पहुंची महिलाओं ने विधि विधान के साथ इस व्रत को पूरा किया। पूजा के बाद सुहागिनों ने सत्यवान और सावित्री की कथा विषय में वंशीधर अनुमंडल के अहिरपुरवा स्थित काली मंदिर उसका कला शिव मंदिर पालहे कला और जल क्रांति भवन के समीप वटवृक्ष के नीचे सुबह से सुहागिनों के भीड़ लगी रही। पूजा के बाद सुहागिनों ने वटवृक्ष के 7, 11 और 21 परिक्रमा कर वट सावित्री की पूजा संपन्न की।
▪️ वट सावित्री पूजा को लेकर मंदिरों में भीड़ नहीं रखा गया शारीरिक दूरी का पालन:- बरगद के पेड़ों के नीचे परिक्रमा किया और पंडित जी द्वारा कहे जाने वाले कथा विषय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बरगद के पेड़ों के बीच सुहागिन महिलाओं ने पूजा इस दौरान उन्हें सामाजिक दूरी नियम का भी ख्याल नहीं रखती महिलाओं को किसी का डर नहीं दिखा सिर्फ पति के प्रेम में भगवान याद आए वहीं दूसरी ओर जिन सुहागिन महिलाओं को कोरोना का डर था वह अपने अपने घरों में ही वटवृक्ष की डाली के साथ पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र के साथ सुख शांति और समृद्धि की मंगल कामना की।