गढ़वा : स्थानीय जीएन कॉन्वेंट स्कूल में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक तथा उपप्राचार्य बसंत ठाकुर द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया, साथ ही भारत माता एवं लौह पुरुष सरदार पटेल के चित्र पर भाव-पुष्प निदेशक,प्राचार्य समस्त शिक्षकों एवं हाउस कैप्टेन ने अर्पित किया। अपने संबोधन में निदेशक महोदय ने कहा कि सरदार पटेल ने महात्मा गाँधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। इनके द्वारा इस लड़ाई में अपना पहला योगदान खेड़ा संघर्ष में दिया गया, जब खेड़ा क्षेत्र सूखे की चपेट में था और वहाँ के किसानों ने अंग्रेज सरकार से कर में छूट देने की मांग की।
थेअंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को कर में राहत दे दी गई। सरदार पटेल को सरदार नाम, बारडोली सत्याग्रह के बाद मिला, जब बारडोली कस्बे में सशक्त सत्याग्रह करने के लिए उन्हें पहले बारडोली का सरदार कहा गया। बाद में सरदार उनके नाम के साथ जुड़ गया। आजादी के पश्चात इन्हें प्रथम, उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री का पद सौंपा गया। उस कठिन दौर में सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाँच सौ बासठ रियासतों को भारत में विलय कराकर, राष्ट्र का एकीकरण किया। इन्हें राष्ट्र के निर्माता के रूप में जाना जाता है। और इतिहासकार इन्हें भारत का विस्मार्क भी कहते हैं,चूँकि भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था, इसलिए उन्हें भारत का लौह पुरुष कहा गया।
आजादी के बाद जब भारत के निर्माण में उनका योगदान अतुलनीय है। बेहद सादगी भरा जीवन जीने वाले सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रतीक हैं। भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को समर्पित राष्ट्रीय एकता दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रदान की गई। इस निमित बच्चों के बीच निबन्ध, प्रश्नमंच, सेमिनार, वादविवाद प्रतियोगिता आयोजित कराने का भी निर्णय लिया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक उदय प्रकाश, खुर्शीद आलम, संजीव कुमार, मुकेशभारती, अजय कुमार, नीरा शर्मा, रिजवाना शाहिन, सुषमा तिवारी, निलम कुमारी, सुनिता कुमारी, संतोष प्रसाद आदि की भूमिका सराहनीय रही।