गढ़वा : अनुमंडल मुख्यालय रंका के विद्युत उपभोक्ता पवन कुमार पांडेय ने रंका थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया है कि, बकाये बील के कारण विद्युत उपयोग करने के बदले विद्युत विभाग के कनीय अभियंता के द्वारा उनसे रु 20000 रिश्वत की मांग की गई और जब उन्होंने नहीं दी तो उनकी दुकान के काउंटर से 10000 नगदी निकाल कर कनीय अभियंता चलते बने।
रंका थाना में दिया आवेदन में पवन कुमार पांडेय ने उल्लेख किया है कि उन्होंने दुकान के लिए बिजली का कनेक्शन लिया था। मीटर रीडिंग लिये बिना ही उन्हें बिल भेजा गया था। जो मीटर रीडिंग से काफी ज्यादा था। उन्होंने बिजली विभाग के एसडीओ से बिल में सुधार की मांग की थी। एसडीओ ने बिल में सुधार के बाद ही बिल का भुगतान करने को कहा था।
साथ ही कहा था कि जल्द ही इसकी जांच कर बिल को सुधार दिया जाएगा।
बावजूद 26 अगस्त को बिजली विभाग के जेई उनके दुकान में आये। साथ में रौशन कुमार, सिकन्दर कुमार और नसरुल्लाह भी थे। जेई ने तैश में आकर कहा कि आपका कनेक्शन काट दिया गया है फिर भी बिजली जला रहे हैं। आप पर बिजली चोरी की केस होगी और आपको जेल भेजा जाएगा। इससे बचना है तो सब स्टेशन आकर मिलिए। पवन कुमार पांडेय सब स्टेशन गए तो उनसे बिजली बिल की राशि के अतिरिक्त 20 हजार रुपये बतौर घुस मंगा गया। वह इसके लिए तैयार नहीं हुए और लौटकर अपने दुकान में आ गए। थोड़ी देर में जेई और रौशन कुमार वहां आ गए। वे दुकान के काउंटर से 10 हजार रुपये और पांच मीटर नया तार निकाल लिए। जाते-जाते धमकी दी कि इसकी शिकायत कहीं करेगा तो सीधे जेल भेज देंगे
इधर इस संबंध में कनिया अभियंता दीपक कुमार ने कहा कि दरअसल वे बकाया बिल के कारण पवन पांडेय के द्वारा, काटे गए विद्युत लाइन के बावजूद बिजली का उपयोग किया जा रहा था।
जिस कनेक्शन को काटने के लिए दुकान पर गए थे। उन्होंने कहा कि रिश्वत 20000 रु मांगने एवं 10000 रु काउंटर से निकालने का आरोप बिल्कुल झूठा और मनगढ़ंत है।