बंशीधर नगर :
श्री बंशीधर नगर-प्रखंड के पाल्हे-जतपुरा में आगामी 23 अक्टूबर से आयोजित होने वाले लक्ष्मी नारायण महायज्ञ को लेकर जिले के उपायुक्त शेखर जमुआर और एसपी दीपक पांडेय के अलावे कई पदाधिकारियों ने यज्ञ स्थल पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान पदाधिकारियों ने महान संत जीयर स्वामी जी महाराज से आशीर्वाद लिया.इसके बाद निमियाडीह में बनने वाले तीन हेलीपैड का जायजा पदाधिकारियों ने लिया. डीसी और एसपी ने भवन निर्माण विभाग और एनएचएआई के पदाधिकारियों को ससमय कार्य पूरा करने का निर्देश देते हुये एनएचएआई को हेलीपैड का बैरिकेटिंग करने का निर्देश दिया. वहीं डीसी ने यज्ञ स्थल पर पेयजल व शौचालय की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश पीएचईडी के पदाधिकारी को दिया. अंचल पदाधिकारी को यज्ञ स्थल पर टैंकर की व्यवस्था और बिजली विभाग को नियमित बिजली आपूर्ति करने की बात कही. दोनों पदाधिकारियों ने यज्ञ स्थल पर यज्ञ समिति के लोगों से यज्ञ के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी लिया. एसपी ने एसडीपीओ से विधि व्यवस्था को लेकर जानकारी लेते हुये कई निर्देश दिये.
पत्रकारों से डीसी ने कहा की हमारे जिले में ऐतिहासिक यज्ञ होने वाला है. यज्ञ में देश के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में लोग आएंगे. लोगों को कोई असुविधा ना हो इसके लिए कई प्रबंध किए जा रहे हैं. जिला प्रशासन विधि व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से सजग है. आम लोगों से ऐतिहासिक यज्ञ को सफल बनाने में सहयोग की अपील किया.एसपी ने कहा कि यज्ञ में भारी भीड़ होने की संभावना है. ऐसे में विधि व्यवस्था में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए तमाम प्रबंध किए जा रहे हैं. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी.आम लोगो से पुलिस सहयोग की अपेक्षा करता है.
इस दौरान एसडीपीओ प्रमोद कुमार केशरी, सीओ अरुण कुमार मुंडा, पुलिस इंस्पेक्टर रतन कुमार सिंह, भवनाथपुर पुलिस इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार चौधरी, थाना प्रभारी नीतीश कुमार सिंह, नगर प्रबंधक रवि कुमार सहित पीएचईडी, बिजली समेत कई विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.
परमपिता परमेश्वर से नाता जोड़ लो,जन्म मृत्यु का बंधन समाप्त हो जाएगा :- श्री जीयर स्वामी।
कल्याण मेरा कुछ नहीं है, मुझे कुछ नहीं चाहिये और मुझे अपने लिये कुछ नहीं करना है — ये तीन बातें शीघ्र उद्धार करनेवाली हैं।भगवान् का संकल्प हमारे कल्याण के लिये है। अगर हम अपना कोई संकल्प न रखें तो भगवान् के संकल्प के अनुसार अपने-आप हमारा कल्याण हो जायगा।संसारमें ऐसी कोई भी परिस्थिति नहीं है, जिसमें मनुष्यका कल्याण न हो सकता हो । कारण कि परमात्मा प्रत्येक परिस्थिति में समानरूप से विद्यमान हैं।कल्याण की प्राप्ति बहुत सुगम है, पर कल्याण की इच्छा ही नहीं हो तो वह सुगमता किस काम की?संसार का काम तो और कोई भी कर लेगा, पर अपने कल्याणका काम तो खुद को ही करना पड़ेगा; जैसे- भोजन और दवाई खुद को ही लेनी पड़ती है।अपने कल्याण के लिये किसी नयी परिस्थिति की जरूरत नहीं है।
प्राप्त परिस्थिति के सदुपयोग से ही कल्याण हो सकता है।कल्याण क्रिया से नहीं होता, प्रत्युत भाव और विवेक से होता है।घर में रहनेवाले सभी लोग अपनेको सेवक और दूसरोंको सेव्य समझें तो सबकी सेवा हो जायगी और सबका कल्याण हो जायगा।दूसरों की तरफ देखनेवाला कभी कर्तव्यनिष्ठ हो ही नहीं सकता, क्योंकि दूसरों का कर्तव्य देखना ही अकर्तव्य है गृहस्थ हो अथवा साधु हो, जो अपने कर्तव्य का ठीक पालन करता है, वही श्रेष्ठ है।अपने लिये कर्म करने से अकर्तव्यकी उत्पत्ति होती है अपने कर्तव्य (धर्म) का ठीक पालन करनेसे वैराग्य हो जाता है। यदि वैराग्य न हो तो समझना चाहिये कि हमने अपने कर्तव्य का ठीक पालन नहीं किया।अपने कर्तव्यका ज्ञान हमारेमें मौजूद है।
परन्तु कामना और ममता होनेके कारण हम अपने कर्तव्यका निर्णय नहीं कर पाते।चारों वर्गों और आश्रमों में श्रेष्ठ व्यक्ति वही है, जो अपने कर्तव्य का पालन करता है। जो कर्तव्यच्युत होता है, वह छोटा हो जाता है।संसारके सभी सम्बन्ध अपने कर्तव्यका पालन करनेके लिये ही हैं, न कि अधिकार जमाने के लिये । सुख देने के लिये हैं, न कि सुख लेनेके लिये।एकमात्र अपने कल्याणका उद्देश्य होगा तो शास्त्र पढ़े बिना भी अपने कर्तव्य का ज्ञान हो जायगा । परन्तु अपने कल्याण का उद्देश्य न हो तो शास्त्र पढ़ने पर भी कर्तव्य का ज्ञान नहीं होगा, उल्टे अज्ञान बढ़ेगा कि हम जानते हैं ! वर्तमान समय में घरों में, समाज में जो अशान्ति, कलह, संघर्ष देखनेमें आ रहा है, उसमें मूल कारण यही है कि लोग अपने अधिकार की माँग तो करते हैं, पर अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते।
कोई भी कर्तव्य-कर्म छोटा या बड़ा नहीं होता। छोटे-से छोटा और बड़े से बड़ा कर्म कर्तव्यमात्र समझकर (सेवाभाव से) करने पर समान ही है।जिससे दूसरों का हित होता है, वही कर्तव्य होता है। जिससे किसी का भी अहित होता है, वह अकर्तव्य होता है।राग-द्वेषके कारण ही मनुष्यको कर्तव्य-पालनमें परिश्रम या कठिनाई प्रतीत होती है।जिसे करना चाहिये और जिसे कर सकते हैं, उसका नाम 'कर्तव्य' है। कर्तव्यका पालन न करना प्रमाद है, प्रमाद तमोगुण है और तमोगुण नरक है।अपने सुखके लिये किये गये कर्म 'असत्' और दूसरे के हित के लिये किये गये कर्म 'सत्' होते हैं। असत्-कर्म का परिणाम जन्म-मरण की प्राप्ति और सत्-कर्म का परिणाम परमात्माकी प्राप्ति है।अच्छे-से-अच्छा कार्य करो, पर संसार को स्थायी मानकर मत करो।
जो निष्काम होता है, वही तत्परतापूर्वक अपने कर्तव्य का पालन कर सकता है।

- श्री बंशीधर नगर प्रखंड के पाल्हे जतपुरा गांव में आगामी 23 से 28 अक्टूबर तक आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के सफल संचालन को लेकर गठित उप समिति के प्रभारियों की बैठक शनिवार को कथा पंडाल में यज्ञ समिति के संरक्षक सह प्रमुख नियंत्रक शारदा महेश प्रताप देव की अगुवाई में हुई। इसमें शारदा महेश प्रताप देव ने श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ यज्ञ के सफल संचालन के लिए गठित 26 उप समिति के सभी प्रभारियों को उनके कार्य व दायित्व की विस्तृत जानकारी देकर तन मन से लगकर यज्ञ को सफल बनाने को कहा गया। उप समिति के सभी पदाधिकारियों को उनके सहयोगियों की सूची भी उपलब्ध कराया गया।
साथ ही कहा गया कि आप अपने सुविधा के अनुसार सहयोगियों का सहयोग लेकर अपने कार्यों को बखूबी अंजाम तक पहुंचाएंगे। शारदा महेश प्रताप देव ने कहा कि देश के महान संत श्री जीयर स्वामी जी के चातुर्मास्य व्रत के समापन के अवसर पर आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ पूरे राज्य में ऐतिहासिक होगा। अभी तक झारखंड में इस तरह का यज्ञ नहीं हुआ था। यज्ञ को ऐतिहासिक बनाने में सबका सहयोग अपेक्षित है। मौके पर कमलेश्वर पांडेय, रामानंद पांडेय, शिवनारायण चौबे, विंध्याचल शुक्ला, श्याम बिहारी शुक्ला, सुनील कुमार चौबे, संतोष कुमार तिवारी, रजनीश कुमार मंगलम, श्यामलाल मेहता, कुमार कनिष्क, सत्यनारायण शुक्ला, शैलेंद्र कुमार शुक्ला, कमलेश कुमार पांडेय, मंदीप प्रसाद, ओम प्रकाश गुप्ता, उमेश शुक्ला, विजय सिंह, रजनी सिंह, आशुतोष सिंह रोहित शुक्ला संतोष तिवारी अजीत चौबे, धीरेंद्र चौबे, नीलू चौबे, दिलीप कुमार शर्मा, शैलेंद्र कुमार शुक्ला, बालेश्वर ठाकुर, मोहन पासवान, दीनदयाल शुक्ला, दिनेश्वर ठाकुर सहित सभी उप समिति के प्रभारी व यज्ञ समिति के लोग उपस्थित थे।