गढ़वा :
बच्चों को अवांछित घुम फिर पर अंकुश लगावें।
स्थानीय जी एन कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षक अभिभावक गोष्ठी तथा टर्म-1 परीक्षा का प्रकाशन नवनिर्मित सभागार में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय निदेशक मदन प्रसाद केशरी तथा उप प्राचार्य बसन्त ठाकुर द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वेलित कर एवं माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की। सभा को संबोधित करते हुए निदेशक ने कहा कि बच्चों मैं जीवन जीने के सलीके में बहुत बदलाव आ गया है। आज का नागरिक अपना जीवन अपने अंदाज़ में व्यतीत करना चाहता है।इसमें किसी का हस्तक्षेप करना उसे बिलकुल पसंद नहीं है। इस जीवन जीने की कला में पह अपनी जिम्मेदारियों से बचने का भी प्रयास कर रहा है।
इसका प्रतिकूल प्रभाव परिवार और समाज पर पड़ रहा है। हमें विशेषकर अभिभावकों और शिक्षकों का मार्गदर्शन बच्चों के जीवन जीने की शैली को बहुत हद तक प्रभावित करता है, हमें उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाते हुए
परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों के प्रति भी जागरुक करना होगा। ऐसा नहीं करते है तो युवा पीढ़ी अपने जीवन और उनके दायित्वों के बारे में जिम्मेदार नहीं हो पाएगें।
आज का विद्यार्थी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बहुत अधिक रुचि रखता है, लेकिन सुसंस्कारित नहीं है। अच्छे संस्कारों की कमी के कारण उठना, बैठना, बोलना, बड़ों का आदर सत्कार माता-पिता, गुरुजनों के सम्मान में रुचि नहीं रखता। इन सबका कारण माता-पिता के समय अभाव एवं संयुक्त परिवार का कम होना है।
प्रत्येक माता-पिता यह उम्मीद करते हैं कि उनका बच्चा बेहतर शिक्षा ग्रहण करें, अच्छे संस्कार स्कूल में शिक्षक भी सिखाएँ। विषय ज्ञान के लिए विद्यार्थी उत्तरदायित्व है लेकिन, संस्कारों का वास्तविक प्रयोगशाला तो घर एवं परिवार है जहाँ बच्चों के व्यवहार एवं संस्कारों का वास्तविक प्रयोग होता है। जब-जब अभिभावक यह कहते रहेंगे कि बच्चों के लिए उनके पास समय नहीं है तब-तब बच्च्चों के प्रति हम अपूर्ण जिम्मेदारी से दूर भाग रहे हैं। ऐसे में बच्चों को केवल पढ़ाने मात्र से काम नहीं चलेगा। ऐसे बच्चे किशोर अवस्था तथा युवा अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते वे अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित नहीं कर पाते जिस कारण उन्हें अपना जीवन नीरस लगने लगता है।
निरन्तर प्रयास करें, सफलता कदम चूमेगी। बच्चों के संगति पर ध्यान रखना आवश्यक है। अनुशासन पालन से बच्चों में आएगा निखार । शिक्षिका नीरा शर्मा ने विद्यालय में उपलब्ध विभिन्न शैक्षणिक संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक संजीव कुमार मुकेश भारती, उदय प्रकाश, अजय कुमार, निलम कुमारी ,सरिता दुबे, सुषमा तिवारी, शिवानी कुमारी, सुनिता कुमारी, संतोष प्रसाद आदि की भूमिका सराहनीय रही।इस मौके पर अभिभावकों में, अजय कश्यप, ओमप्रकाश पटवा, राम रंजन धर दुबे, देवकांत धर दुबे, दिलीप कुमार केशरी, कामेश्वर राम, राजेश कश्यप, रणधीर कुमार,सुजीत कुमार, नागेंद्र विश्वकर्मा,अंजू देवी,कनीज फात्मा, नीतू देवी,पूजा सोनी आदि उपस्थित हुए।