गढ़वा : कलिकाल कलयुग में मुक्ति का एक मात्र साधन श्रीमद् भागवत है। भागवत हमको साक्षात् श्री कृष्ण दर्शन कराती है। उक्त बातें शहर के सहिजना स्थित बाबा सोमनाथ मन्दिर दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल में आयोजित नौ दिवसीए श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम पूजा के अवसर पर रविवार की रात्रि कथा वाचिका सुश्री गुंजन किशोरी ने प्रवचन के दौरान कही।
उन्होने कहा कि भागवत जीवन जीने की कला सिखाती है। यह भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन भी कराती है। भागवत रुपी अमृत गंगा में सब मिलकर डुबकी लगाए। क्योंकि भागीरथी गंगा में स्नान करने से तन पवित्र होता है किन्तु भागवत रुपी अमृत गंगा में डुबकी लगाने से मन पवित्र होता है। उन्होने श्रीमद् भागवत की व्याख्या करते हुए कहा कि श्री सम्मान सूचक शब्द है और मद का अर्थ अहंकार है।
भा का अर्थ भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य, त से त्याग। अर्थात मद रुपी पक्षी जिस ह्रदय से निकल जाता है तब उस ह्रदय में भक्ति विराजमान होता है और ज्ञान, वैराग्य का प्रकाट्य होता है। वैराग्य का अर्थ यह नही कि व्यक्ति अपना गृहस्थी छोड़कर जंगल में जाकर भगवान का भजन करे, वृन्दावन में जाकर वास करे अथवा प्रातःकाल उठकर माला का जाप करे। भजन करने का एकमात्र उपाय है ‘‘मन की तरंग मार ले, बस हो गया भजन, आदत बुरी सवार ले, बस हो गया भजन, तुझको कोई बुरा कहे, तु कर उसे क्षमा, अपनी वाणी के सुर सुधार ले, बस हो गया भजन। उन्होने कहा कि बिना सत्संग के जीवात्मा को ज्ञान नही हो सकता और हरि कृपा के बिना सत्संग भी नसीब नही होता। इसके पूर्व बाबा सोमनाथ समिति नारी शक्ति समिति की अध्यक्ष रंजु देवी, संध्या देवी, विभा पाण्डेय, बबिता देवी, सुधा गुप्ता आदि ने कथा वाचिका सुश्री गुंजन किशोरी का माल्यापर्ण कर उनका स्वागत किया।
वहीं पूर्व थाना प्रभारी चंदन सिंह, युवा समिति के अध्यक्ष कृष्णकान्त सिंह, टिंकु पाल, शुभम सिन्हा, विशाल सिंह, सूर्यप्रकाश सिंह आदि ने श्रीमद्भागवत पर माल्यापर्ण किया। मौके पर श्याम सुन्दर ने की बोर्ड पर, राहुल राठौर ने नाल पर तथा हरगोविन्द ने पैड पर संगत किया।