गढ़वा : शारदीय नवरात्र के प्रथम तिथि को अनेको पूजा पंडालो में भव्य कलश यात्रा निकल गई। आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई। पहले दिन श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में स्नान कर मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना कर नौ दिन के व्रतों का शुभारंभ किया। तीर्थ स्थानों पर देवी देवताओं के आयुधों को स्नान कराया गया।
इससे पूर्व सुबह पवित्र नदियों में स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। वही माँ गड़देवी , माँ दुर्गा पूजा समिति शिव स्थान चिनिया रोड़ ,दुर्गा पूजा समिति नहर चौक,जय भवानी संघ, भगलपुर मोहल्ला स्थित जय मां शेरावाली के पूजा पंडाल से भी भव्य कलश यात्रा निकाला गया कलश यात्रा में हजारों की संख्या में छोटे-छोटे बच्चे एवं माताएं बहनों ने भाग लिया एवं मां के जयकारे का साथ दानरो नदी व विरहा नदी के संगम से कलश में जल भरकर अपने पूजा पंडाल पहुंचे जहां विद्वान पंडित आशीष वैद्य जी महाराज ने मित्रों के उच्चारण के साथ कलश स्थापना कराकर मां शैलपुत्री की पूजा शुरुआत की वही आशीष वैद्य महाराज ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है पर्वतराज हिमाचल के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण मां दुर्गा जी का नाम शैलपुत्री पड़ा मां शैलपुत्री नदी नाम के ऋषभ पर सवार होती है और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल व बाएं हाथ में कमल का फूल होता है मां शैलपुत्री के पूजन से जीवन में स्थिरता एवं दृढ़ता आती है।
कलश यात्रा में अध्यक्ष पूरन तिवारी देोलत सोनी अमित कश्यप उपाध्यक्ष कोषाध्यक्ष उपकोषाध्यक्ष संयोजक संरक्षक सदस्य सहित सभी भक्तजन शामिल थे।