मझिआंव :
प्रखंड क्षेत्र के बोदरा पंचायत के टोला बिछी गांव निवासी 60 वर्षीय किशान राजकुमार चौधरी ने लगभग एक बीघा में मड़ुआ की खेती किया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पूर्वजों के समय से यह मड़ुआ की खेती होते आया है।
यह खेती अब प्राय: विलुप्त हो चुका है , परन्तु वे अभी भी इस खेती को प्राथमिकता के साथ उपजाते हैं।जिसे वे आज भी उसे खेती को जीवित रखते हुए हैं ।पूर्वजों के पद चिन्ह पर चलते हुए कृषि पद्धति के अनुसार इसकी खेती कर रहे हैं। वे इस खेती को लगभग 20 वर्ष की उम्र से ही करना शुरू किया है ,जो आज 60 वर्ष के लगभग हो चुके हैं फिर भी वह इस खेती को करना नहीं भूले हैं ।इसे प्राथमिकता के आधार पर खेती करते हैं, परंतु उन्होंने यह भी बताया कि कृषि विभाग की ओर से यंत्र एवं संसाधन के अभाव में ग्रामीण पद्धति के अनुसार वे खेती करते आ रहे हैं, अगर जिला कृषि पदाधिकारी से उन्हें यंत्रों एवं सोलर पंप सहित संशाधन अगर मिलता है तो इस खेती को और आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
कम संसाधन में इस खेती को करके वह प्रगति शील किशान के रूप मे अपना भूमिका निभाना चाहते हैं, जो आगे तक करते रहेंगे।उन्होंने बताया कि यह खेती करने के बाद मड़ुआ को पिसवाने के बाद वह जितिया पर्व में प्रखंड से लेकर जिला तक के पदाधिकारी एवं ग्रामीणों के बीच नि: शुल्क वितरण करते हैं,तथा वे बताते हैं कि यह शरीर के लिए काफी लाभदायक है।जैसे की जिउतीयां पर्व में इस आटे की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, सभी माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र लिए जितिया पर्व करती हैं। तथा मडुवा के आटा के हलवा सहित अन्य सामग्री के साथ पारण कर अपनी व्रत को तोड़ती हैं।
मड़ुआ आटा काफी लाभदायक है:डा:मनिष: इधर इस संबंध मे रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि मड़ुआ का आटा काफी लाभदायक है ।
यह शरीर की स्टेमेना को बनाए रखना है तथा जो मधुमेह के रोगी हैं उनके द्वारा इस आटा के रोटी के सेवन करने से मधुमेह को बढ़ने नहीं देता है ,तथा अन्य लोगों को सेवन करने से मधुमेह रोगी को होने नहीं देता है,वह शरीर को ताकतवर बनाए रखता है । तथा पेट को साफ रखता है। यह एक तरह से काफी लाभदायक अनाजों में गिना जाता है।