गढ़वा : संकल्प यात्रा के नाम पर गढ़वा जिले में भाजपा को मजबूत करने आए झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का जिला मुख्यालय गढ़वा में भव्य स्वागत तो हुआ। मगर भाजपा नेताओं के बीच की खेमाबंदी भी इस दौरान पूरी तरह से उजागर हुआ।ऐसे में सर मुड़ाते ही ओले पड़े की उक्ति पूरी तरह से चरितार्थ हुई।
पलामू जिले से गढ़वा जिले में कोयल नदी का पुल पार करते हीं बेल चंपा में पूर्व मंत्री व झारखंड प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य गिरनाथ सिंह तथा अलखनाथ पांडेय के नेतृत्व में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्री मरांडी का फूल- माला पहनाकर स्वागत किया।
जबकि श्री मरांडी को फरटिया मोड़ पर दूसरा खेमा पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी तथा गढ़वा जिला भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश केसरी के नेतृत्व में स्वागत किया।
मरांडी यहां से सीधे परिसदन भवन गढ़वा पहुंचे। परिसदन भवन में भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्वागत करने व मिलने जुलने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
ऐसे में गढ़वा जिले में श्री मरांडी का संकल्प यात्रा का जो आगाज़ खेमेबंदी के बीच के स्वागत समारोह से हुआ है। उसका अंजाम क्या होगा समझा जा सकता है।
भाजपा की खेमा बंदी दो जगह अलग-अलग किए जाने से साफ नजर आया क्योंकि जहां एक ओर बेल चंपा के कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह तथा अलखनाथ पांडेय जैसे नेताओं के नेतृत्व में भाजपा के लोगों ने अपनी शक्ति प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी और सत्येंद्र नाथ तिवारी का खेमा गढ़वा जिला भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश केसरी के साथ फरटिया मोड पर शक्ति प्रदर्शन किया। ऐसे में कल का संकल्प यात्रा पर भी भाजपा की खेमाबंदी प्रभावी रहेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।