बंशीधर नगर: नगर उंटारी प्रखंड अंतर्गत बारोडीह गांव के पासवान टोला के ग्रामीणों ने श्रमदान कर अपने टोले तक जाने के लिये सड़क बनाया है। सड़क महेंद्र सिंह के घर से लेकर धुरकी मुख्य मार्ग तक बनाया है। यहां बताते चलें की आजादी के 73 वर्ष बाद भी उक्त टोले में जाने के लिये सड़क नहीं था। सड़क नहीं होने के कारण लोगों को गाड़ी से चलने की बात तो दूर पैदल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। गर्मी के दिनों में तो लोग पैदल चल लेते हैं, किंतु इस टोले के ग्रामीण बरसात के दिनों में कीचड़ में चलने को विवश हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि शादी - विवाह के अवसर पर भी गाड़ी घर तक नहीं आ पाती थी। वहीं जब किसी की तबीयत खराब होती है तो लोगों को खाट पर टांगकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि उनलोगों ने कई बार प्रतिनिधियों एवं प्रखंड कर्मियों से सड़क बनवाने की गुहार लगाई। किंतु किसी ने उनलोगों की बातों को नहीं सुना। ग्रामीणों ने बताया कि जब चुनाव आता है तो प्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं लेकिन हमलोगों की दर्द को कोई सुनने वाला नहीं।
ग्रामीणों ने कहा की अंत में उनलोगों ने थक हार कर श्रमदान से सड़क का निर्माण करने का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने में बाधा पहुंचने वाली जमीन को जनहित में भूमिदान किया गया और सभी लोगों ने मिलकर बुधवार से सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया।
पासवान टोला के ग्रामीण रामकुमार पासवान, अलख पासवान, बबलू पासवान, रवीन्द्र पासवान, रामवृक्ष पासवान, देवन पासवान ने बताया कि वे लोग स्वेच्छा से अपनी भूमिदान कर एवं सड़क निर्माण में पड़ रहे घर को तोड़कर श्रमदान से सड़क निर्माण करा रहे हैं।
जिससे कि उनलोगों को बरसात के दिनों में आने जाने में हो रही परेशानी से निजात मिल सके। ग्रामीणों ने सड़क बनाकर यह साबित कर दिया की बिना सरकारी सहयोग के भी कार्य संभव है। ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क निर्माण की पहल कर एक मिसाल कायम किया है। उधर सड़क निर्माण कार्य शुरू होते ही गांव के श्यामबिहारी सिंह ने सड़क की जमीन को अपना बताकर कार्य को रोक दिया।
उधर ग्रामीणों की शिकायत पर थाना प्रभारी पंकज कुमार तिवारी ने बारोडीह गांव पहुंचकर विवाद कर रहे ग्रामीणों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। उसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।
श्रमदान कार्य में आशीष सिंह, अजीत सिंह, सोबरन पासवान, संजय पासवान, महेंद्र सिंह, नंदकिशोर पासवान, रवींद्र पासवान, कमलेश पासवान, लालती देवी, मीना देवी, प्रमिला देवी, कुसुम देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।