मेराल : कोरोना महामारी को लेकर सभी प्राइवेट और सरकारी विद्यालयों को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। बावजूद विद्यालय बंद की अवधि में भी स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग झारखंड सरकार के निर्देश पर मेराल प्रखंड क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बीच कुकिंग कास्ट पोषाहार की चावल व राशि वितरण किया जा रहा है ताकि विद्यालय बंद की अवधि में एक भी बच्चा भूखा ना रहे, मगर मेराल प्रखंड के हासनदाग गांव के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय पश्चिम टोला के प्रधानाध्यापक द्वारा अभी तक पोषाहार का चावल और राशि का वितरण सभी छात्रों के बीच घर-घर जाकर नहीं किया गया।
विद्यालय के छात्र वारिस अंसारी, सनोज चौधरी, हसीब अंसारी, इश्तियाक अंसारी, जावेद अंसारी, कौसर अंसारी, शाहिद अंसारी, आशिफ अंसारी,समीदा खातून, हमीदा खातून,सजरुना खातून, नजमुन खातून, सकीना खातून, सेहरा खातून, हसीना खातून, आशिक अंसारी एवं अन्य छात्र-छात्राओं ने बताया कि विद्यालय बंद होने के बाद हम लोगों को पोषाहार की चावल और राशि शिक्षक द्वारा नहीं दिया गया है किसी को केवल 100 और किसी को सिर्फ चावल मिला है जो विद्यालय बंद हुए 5 माह होगया प्रधानाध्यापक सूर्य देव चौधरी से जब पैसे और राशन की मांग करते हैं उनके द्वारा कहा जाता है कि नहीं मिल पाएगा या लॉलीपॉप के तरह बोलते हैं, जाओ बाद में मिलेगा।
जबकि विद्यालय द्वारा एक से 5 कक्षा तक 4.58 और 100 ग्राम चावल प्रतिदिन के हिसाब से वितरण करना है।
वहीं छात्र छात्राओं के अभिभावकों का कहना है कि सरकार शिक्षा विभाग पर दबाव बनाए। शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी इसकी जांच करें। क्योंकि इस विद्यालय में पूर्व से ही सरकारी पैसों की उगाही करने में प्रधानाध्यापक लगे हुए हैं। बच्चों को अभी तक जूता मोजा का वितरण नहीं किया गया है। स्कूल की आवश्यक सामग्री भी विद्यालय में उपलब्ध नहीं है और प्रधानाध्यापक द्वारा रजिस्टर मेंटेन करते हुए कागजों में ही स्कूल के सभी संबंधित सामग्री को पूरा करते हुए विभाग को रिपोर्ट कर दिया जाता है। 2010- 11 में लगभग 15 से 17 की लागत से बनने वाली स्कूल भवन का निर्माण कराया गया था, जिसमें शिक्षा समिति के माध्यम से स्कूल भवन का कार्य कराया जा रहा था जिसका कार्य अभी तक अधूरा पड़ा है।
कागजों में स्कूल भवन का निर्माण पूरा कर दिया गया और पैसे की बंदरबांट कर उगाही कर ली गई। ग्रामीणों का कहना है स्कूल में एक बार जांच हो जाए फिर सारी गड़बड़ियां सामने आ जाएगी।
इधर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी शिव कुमार सिंह से संपर्क कर स्कूल बंद के अवधि में राशन व पैसे की समय पर वितरण नहीं होने के बारे में उन्होंने कहा कि जून तक का राशन सभी स्कूलों में उपलब्ध करा दिया गया है। जुलाई का भी कराया जा रहा है। जहां तक रही पैसे की बात तो किसी विद्यालय में चेक बुक का प्रॉब्लम होने के कारण पैसे के वितरण नहीं हो सका है जिस स्कूल में जो कमियां है उस स्कूल से स्वयं संपर्क कर जानकारी हासिल करेंगे।