गढ़वा : ठेकेदारी में जातिगत आरक्षण देने संबंधी झारखंड सरकार के निर्णय से जिले के ठेकेदारों में उबाल है। जिसमें कहा है कि भवन निर्माण विभाग में कार्य आवंटन में किए गए संशोधन में काफी विसंगती है। इससे झारखंड में निबंधित ठेकेदारों को काफी कठिनाई होगी साथ ही बेरोजगार के समय से सावधान उत्पन्न होगी ठेकेदारों के नियमों में संशोधन का विरोध किया है। साथ ही ठेकेदारों जातिगत आरक्षण लागू नहीं करना चाहिए। बता दें कि भवन निर्माण विभाग ने ₹ 25 करोड़ तक के काम निविदा स्थानीय ठेकेदारों के लिए आरक्षित करने का निर्णय झारखंड सरकार ने लिया है और भवन निर्माण विभाग ने उन सभी टेंडर को रद्द कर दिया रहा है। इसे अभी रद्द ना किया जाए इसमें आदिवासी और दलित ठेकेदारों को प्राथमिकता देने की बात कही गई।
यह सरकार स्वर्ण विरोधी है इसका मैं कड़ी निंदा करता हूं। अगर झारखंड सरकार ठेकेदारी में जातिगत आरक्षण लागू वापस नहीं लेता है, तो इस फैसले के खिलाफ आंदोलन पूरे झारखंड में आंदोलन करेंगे। उक्त बातें राष्ट्रीय परशुराम सेना झारखंड के अभिषेक तिवारी ने कही।