बिशुनपुरा (गढ़वा) : प्रखंड के पतिहारी पंचायत के पतिहारी ग्राम में एक परिवार अपने 12 सदस्यों को लेकर प्लास्टिक से झोपड़ी बना कर रहने को मजबूर है जबकि उसका कच्चे का मकान दो वर्ष पूर्व ही भारी बारिश में में गिर गया था। आपदा प्रबंधन से या आवास का लाभ उस गरीब को आज तक नही मिल पाया है।
बिशुनपुरा प्रखंड के पतिहारी ग्राम निवासी तुलाब अंसारी का कच्चा मकान 2 वर्ष पूर्व बारिस में ध्वस्त हो गया था। तुलाब अंसारी ने मकान ध्वस्त होने के बाद पिछले दो वर्षों में कई बार पदाधिकारी एवम लापरवाह जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया। लेकिन आवेदन के आलोक में कोई कारवाई आज तक प्रशासनिक स्तर पर नही किया गया। तुलाब अंसारी आज एक प्लास्टिक से बनी झोपड़ी के नीचे जीवन बसर करने को मजबूर हो गया है।
तुलाब अंसारी ने बताया कि हमारे परिवार में हमारी पत्नी सहित कुल 12 सदस्य है। हम सभी 12 सदस्य एक प्लास्टिक से झोपड़ी बना कर रह रहे है।
उसनेे बताया कि बारिस का मौसम आ जाने से हमसभी काफी भयभीत रहते है। अभी बारिस के मौसम में बारिस होने से हम सभी परिवार को रात भर जग कर सुबह का इन्तेजार करना पड़ता है। अगर वारिस का यही हाल रहा तो बना झोपडी भी कभी भी गिर सकता है। तुलाब अंसारी का लाचार जिंदगी परेशान दिनचर्या में कट रही है। उसकी इस हालत का कोई सुध लेने वाला नही है। उसने बताया कि हमारे साथ पत्नी, दो लड़के, दो पूतोहु, छह नाती सहित कुल 12 परिवार एक ही झोपड़ी में रह कर किसी तरह जीवन यापन कर रहे है।
वहीं जबकि इसी ग्राम का एक और परिवार सहमत अंसारी का है जिसका मकान इसी वर्ष तेज वारिस में गिर कर ध्वस्त हो गया था।
स्थिति यह है कि आज वह पड़ोस में शरण लिया हुआ है। सहमत अंसारी ने बताया कि इसी वर्ष कच्चे का मकान बना कर उसमे अपने बच्चों के साथ रहना शुरू ही किया था कि भारी वारिस में अचानक पूरी मकान गिर गया। उसमें परिवार के सभी सदस्य बाल-बाल बच गए। उन्होंने बताया कि मकान गिर जाने के बाद पड़ोसी के घर में शरण लिये हुए है। उन्होंने बताया कि आपदा से कुछ सहायता लेने के लिए लिखित आवेदन प्रसासनिक स्तर पर दिए थे। लेकिन प्रसासनिक कर्मियों की लापरवाही के कारण अभी तक आपदा से कोई लाभ न ही आवास का लाभ मिला है। जबकि तूलाब अंसारी और सहमत अंसारी दोनो को अन्य सभी लाभ मिल रहा है। इन दोनो ब्यक्तियों के ओएस बीपीएल, राशन कार्ड एवम बीपीएल लिस्ट में नाम भी है।
पर इन दोनों गरीब परिवार को एक अदद मकान की बेहद जरूरत है।
इस सम्बंध में बीडीओ संदीप अनुराग टोपनो से दूरभाष पर सम्पर्क करने की कोशिश की गयी किन्तु उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।