गढ़वा : भाजपा गढ़वा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश केशरी ने कहा है कि प्रशासन जेएमएम के इशारे पर भाजपा के कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे में जेल भेजने का काम कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जेएमएम के कार्यकर्ताओं द्वारा सरकारी पदाधिकारी के साथ-साथ व्यवसायी को भी सरकारी धौस, गोली-बारूद का भय दिखाकर भयादोहन किया जा रहा है। पूरे गढ़वा जिलावासी आज अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अपराधी बेलगाम है।
श्री केशरी ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य की जनता का विश्वास तो खो ही चुकी है, साथ ही साथ राज्य सरकार अब खुद के गठबंधन के विधायक एवं मंत्री का भी विश्वास जीतने में असफल रही है। गठबंधन के ही कई विधायक तथा मंत्री सरकार से नाखुश और नाराज हैं।
हमें लगता है कि झारखंड सरकार अपना निकट भविष्य अंधकार में डूबता देख भयभीत है। राज्य सरकार का सरकार में शामिल सदस्यों पर नियंत्रण नहीं रहा। उन्हें भागने का डर सता रहा है। ऐसे में अपनी विफलता को छुपाने के लिए राज्य सरकार भाजपा पर आरोप मढ़ने का राजनीति कर रही है। भाजपा पर आरोप मढ़ने के बजाय सरकार के सदस्य एवं विधायकों को विश्वास में लेने की आवश्यकता है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के विरूद्ध लड़ रहे युद्ध में इस देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र भाई मोदी जी की प्रशंसा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने किया है। इस महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न के साथ ही बड़ा आर्थिक पैकेज देने का काम किया है लेकिन झारखंड सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ने का काम कर जनता की जिम्मेवारी से मुंह मोड़ने का काम कर रही है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि जेएमएम के कार्यकर्ता ने बीड़ी पत्ता के संवेदक मारुति नंदन सोनी से 2500000 रुपए लेवी की मांग की। पीड़ित ठेकेदार द्वारा थाने में आवेदन देने के उपरांत पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करने के बजाय इस केस को रफा दफा करने का काम किया है। यह खबर सभी समाचार पत्रों में भी प्रमुखता से छपी थी। अगर इसमें सत्यता नहीं है तो सरकार उच्च स्तरीय जांच कराए और गलत आरोप लगाने वाले पर करवाई करे या आरोपी को दंडित करे।
जिलाध्यक्ष ने चुनौती देते हुए कहा कि जहां तक विकास का प्रश्न है तो पिछले 5 वर्षों में भाजपा के कार्यकाल में जितना विकास हुआ है, उसका 25 प्रतिशत विकास भी वर्तमान सरकार से संभव नहीं है। चुंकी राज्य सरकार के पास ना तो विकास का कोई विजन है और ना ही कोई ब्लू प्रिंट तैयार है।
सरकार गठन को अब तक 7 महीना बीत गया। विकास के क्षेत्र में सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। उन्होंने कहा कि जहां तक मेरे ऊपर आरोप की बात है तो शायद आरोप लगाने वाले को पता नहीं है कि इसकी जांच केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के साथ-साथ राज्य सुरक्षा एजेंसी ने भी करके मुझे क्लीन चिट देने का काम किया है। यह भारतीय जनता पार्टी है। मैं अन्य पार्टी के नेताओं की तरह संवेदक से, सरकारी कर्मचारी से चंदा वसूल कर अपने बाल बच्चे का परवरिश नहीं करता हूं। हकीकत तो यह है कि राज्य सरकार चुनाव के समय अपने किए वादे जैसे पढ़े-लिखे बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता, आंगनबाड़ी, सेविका-सहायिका का स्थायीकरण, पारा शिक्षक का स्थायीकरण, सभी अनुबंध कर्मियों का स्थायीकरण समेत सभी वादों को पूरा करने में विफल है।
अपनी असफलता से लोगों का दिमाग भटकाने के लिए उलूल-जुलूल बयानबाजी करना इस सरकार की फितरत में है। खैर हड़बड़ाइए मत, यह पब्लिक है सब जानती है।