रमना (गढ़वा) : वैश्विक महामारी कोरोना और उसके संक्रमण के रोकथाम के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने कई लोगों के समक्ष आर्थिक संकट के साथ-साथ भुखमरी की स्थिति उत्पन्न कर दिया है। जिसमें बस संचालन में लगे चालक, खलासी और कंडक्टर भी शामिल हैं।लॉकडाउन के कारण बसों का परिचालन बंद हो गया। बस कर्मचारी घरों में बैठ गए जमा पूंजी से अब तक घर परिवार चलाया अब आर्थिक संकटों से जूझ रहे हैं। बसों में कंडक्टरी कर घर परिवार चला रहे रमना निवासी राम कुमार चंद्रवंशी, सिलीदाग के प्रदीप सिंह बाबूडीह के आनंद सिंह, अजय कुमार, विजय राम, शालिकग्राम सहित कई लोगों ने आर्थिक संकट और परिवार के भरण-पोषण की समस्या को साझा करते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन बस संचालन के पेशे से जुड़े लोगों के समस्या निदान पर भी विचार करे।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से संचालित होने वाली बसों में कंडक्टर कर घर परिवार चला रहे रमना निवासी राम कुमार चंद्रवंशी लॉकडाउन की घोषणा के बाद बस परिवहन बंद होने के कारण घर वापस हो गए। जमा पूंजी से घर परिवार चलाया अब आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सरकार प्रशासन से बस कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार करने का आग्रह किया है।
रमना के सिलीदाग निवासी प्रदीप सिंह भी कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित हैं।बस में कंडक्टर करने वाले प्रदीप सिंह कहते हैं कि बसे पूरी तरह बंद है बस संचालन में भागीदार रहे चालक, खलासी, कंडक्टर व अभिकर्ता आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। सरकार इन लोगों को भी सहायता उपलब्ध कराए।
रमना के बाबूडीह निवासी बस कंडक्टर आनंद सिंह ने बताया कि कोरोना और लाॅकडाउन ने आर्थिक संकट बढ़ा दिया है तीन माह से बसों का परिचालन नहीं हो रहा है।
इस व्यवस्था से जुड़े कई लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बड़ी है घर परिवार चलाना मुश्किल होते जा रहा है।
बाबूडीह निवासी शालिकग्राम भी बस संचालन के कार्यों में लग कर घर परिवार चला रहे थे लेकिन कोरोना और लाॅकडाउन ने घर परिवार चलाने की समस्या खड़ा कर दिया है। शालिकग्राम कहते हैं कि सरकार बस संचालन में शामिल कंडक्टर चालक खलासी और अभिकर्ता की समस्याओं के समाधान पर विचार करते हुए रोजगार उपलब्ध कराए।