रमकंडा: रमकंडा के कस्तूरबा विद्यालय को कोरेनटाईन सेंटर बनाये जाने के बाद प्रखंड के 30 प्रवासी मजदूरों को विद्यालय में स्थान्तरित कर दिया गया है। कोरेनटाईन सेंटर में रह रहे सभी प्रवासी मजदुर महाराष्ट्र व गुजरात सहित अन्य राज्यों के रेड जोन से आने वाले इलाके से पहुँचे हैं। उक्त प्रवासी मजदूरों में रकसी के 6, हरहे के 1, चेटे के 8, बिराजपुर के 5, बलिगढ़ के 3 एवं उदयपुर के 3 प्रवासी मजदुर शामिल हैं। वहीं इस विधी-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए प्रशासन की ओर से दो पंचायत सेवक सहित चार शिक्षकों को कोरेनटाईन सेंटर पर प्रतिनियुक्त किया गया है।
इधर दूसरी तरफ कोरेनटाईन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को चौक चौराहे पर घूमने की बात सामने आई है।
जिस पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। ग्रामीण राजू कुमार, अनिल साव, चनेश ठाकुर सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि चौक चौराहे पर घूमने सहित निजी कार्यों के लिए क्षेत्रो में प्रवासी मजदूरों के निकलने से कोरेनटाईन सेंटर में रहने का क्या मतलब है? कहा कि इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका है।