भंडरिया: भंडरिया पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा किसानों को केसीसी ऋण देने में मोटी रकम रिश्वत लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
रिश्वत लिए गए भुक्तभोगी किसान ऋण धारक त्रिभुवन कोरवा सहित अन्य लोगों ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि पंजाब नेशनल बैंक में केसीसी ऋण के लिए आवेदन दिया था। ऋण स्वीकृती के बाद बैंक के शाखा प्रबंधक के मिलीभगत से बिचौलिए द्वारा पैसा वसूल किया गया है । ग्राम सिंजो निवासी त्रिभुवन कोरवा की 92 हजार की ऋण स्वीकृति हुई। जिसमें 25000 रिश्वत ली गई। राजेंद्र सिंह 78 हजार में 20हजार ,राजकुमार सिंह 93 हजार में 25 हजार, संतोषी देवी की एख लाख में 20 हजार रूपए सहित अन्य लोगों से कुल एक लाख तीरसठ हजार रूपये रिश्वत ली गई है।
शिकायत के बाद पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी की पहल पर बैंक मैनेजर और उसके बिचौलियों ने इन में से तीन किसान को रिश्वत की राशि वापस कर दी है। इनमें मनोज नायक को बीस हजार, नन्द किशोर नायक को चौबीस हजार, केमी देवी को पच्चीस हजार रूपये वापस कर दी गई है।
स्थानीय लोगों में बैंक द्वारा मनमानी रिश्वत लिए जाने से आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने कहा कि इस तरह से गांव के भोले-भाले ग्रामीणों से रिश्वत लेना अपराध है। गरीब किसान खेती करने के लिए ऋण ले रहे हैं और दूसरी तरफ बैंक के अधिकारी गरीबों से मोटी रकम बिचौलिए प्रिंस केशरी मुन्ना पासवान इद्रीस अंसारी के माध्यम से रिश्वत ले रहे हैं।
भुक्तभोगी ने प्रेस बयान में इस बिचौलिए पर राशि वसूली करने का आरोप लगाया है। पीडित लोगों ने उच्च अधिकारीयों से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।